KANPUR NEWS : प्रचंड गर्मी का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा है। शहर के अलग-अलग हिस्सों में सड़क किनारे फुटपाथ पर, पार्क में लावारिश शव मिलने का सिलसिला खत्म नहीं हो रहा है।
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वहीं जिला प्रशासन और आपदा विभाग के मुताबिक इस गर्मी में जिले में एक भी मौत लू लगने से नहीं हुई है। बाकी रिपोर्ट आ रही है। आपदा अधिकारी जुगबीर लांबा ने बताया कि फिलहाल कोई मौत लू से नहीं हुई है। अगर किसी की मौत लू लगने से होती है तो उसे चार लाख रूपए का मुआवजा दिया जाएगा।
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हालात ये हैं कि 45 लावारिश शवों से पोस्टमार्टम हाउस फुल हो गया है। शव रखने की जगह नहीं बची है। इस वजह से पोस्टमार्टम के लिए अतिरिक्त जगह और डॉक्टरों की मांग की गई है। पोस्टमार्टम हाउस के चौतरफा 500 मीटर तक भीषण दुर्गंध फैल गई है।
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गश खाकर जमीन पर गिर पड़े डॉ.
पोस्टमार्टम हाउस लावारिश लाशों से भर चुका है। हालात ये हैं कि एक के ऊपर एक शव को रखा गया है। शुक्रवार को सुबह से देर शाम तक 38 शवों का पोस्टमार्टम हुआ, इसमें 7 लावारिश शव शामिल हैं। मौजूदा समय में यानी शनिवार को पोस्टमार्टम हाउस में 51 शव रखे हुए हैं, इसमें से 45 शव लावारिश हैं।
पोस्टमार्टम हाउस के हालात ये हैं कि लावारिश शवों से चौतरफा करीब 500 मीटर के दायरे में भीषण दुर्गंध फैल गई हैं। पोस्टमार्टम करते-करते पतारा सीएचसी डॉ. अश्वनी बाघमरे गश खाकर जमीन पर गिर पड़े। वहां मौजूद अन्य डॉक्टर और पोस्टमार्टम हाउस के स्टाफ ने ठंडा पानी डालकर उन्हें होश में लाए। इतना ही नहीं पोस्टमार्टम हाउस प्रभारी डॉ. नवनीत चौधरी की भी हालत बिगड़ गई।
भारी संख्या में लावारिश शवों को देखते हुए पोस्टमार्टम हाउस ने जिला प्रशासन ने शवों को रखने के लिए अतिरिक्त जगह की मांग की है। इसके साथ ही पोस्टमार्टम के लिए सीएमओ से अतिरिक्त डॉक्टर लगाकर पोस्टमार्टम कराने की मांग की गई है। इससे कि हालात को नियंत्रित किया जा सके। अनुमान है कि सड़क किनारे फुटपाथ पर, पार्क में और अलग-अलग जगह मिले लोगों की भीषण गर्मी से मौत हुई है। इसमें से ज्यादातर बुजुर्ग, भिखारी और सड़क किनारे घूमने वाले नशेबाज हैं।
तो इसलिए लावारिश शवों का रेला
आपको जानकर हैरत होगी कि कानपुर के पोस्टमार्टम हाउस में अप्रैल महीने में 52 लावारिश शव पहुंचे थे। लेकिन अभी नौतफा शुरू हुए एक सप्ताह भी नहीं बीते और सिर्फ नौतपा में पोस्टमार्टम हाउस में 72 लावारिश लाशें पहुंच चुकी हैं। लवारिश लाश मिलने के बाद 72 घंटे तक उनका पोस्टमार्टम नहीं किया जा सकता है। उसकी शिनाख्त के लिए इंतजार किया जाता है। अगर 72 घंटे के भीतर भी उनका कोई अपना शिनाख्त नहीं करता है तो पोस्टमार्टम के बाद पुलिस उनका अंतिम संस्कार करा देती है। इसी के चलते पोस्टमार्टम हाउस में 45 लावारिश लाशे इकट्ठा हो गई हैं।
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श्मशान घाटों पर दोगुनी से ज्यादा शवों की संख्या
अगर हम शहर के सबसे प्रमुख घाट भैरव घाट की बात करें तो यहां पर सामान्य दिनों में औसतन 20 से 25 शवों का अंतिम संस्कार होता है, लेकिन अब यह आंकड़ा 50 पहुंच चुका है। यहां पर 29 मई को 54 शवों का अंतिम संस्कार हुआ था। 30 मई को 40 और 31 मई को 45 शवों का अंतिम संस्कार हुआ। इस घाट के अलावा कानपुर में 10 प्रमुख श्मशान घाट हैं। इसमें खेरेश्वर घाट, बिठूर घाट, गंगाघाट, भगवतदास घाट, ड्योढ़ी घाट समेत अन्य प्रमुख घाट हैं। यहां पर होने वाले अंतिम संस्कार की संख्या अभी जोड़ी नहीं गई है।