Jyeshtha Amavasya 2024 : अमावस्या (Amavasya) हर महीने मनाया जाता है। अमावस्या (Amavasya) तिथि पितरों और भगवान विष्णु को समर्पित है। इस दिन कोई शुभ कार्य नहीं करना चाहिए। जैसे विवाह, सगाई, मुंडन और गृह प्रवेश आदि। Jyeshtha Amavasya 2024
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धार्मिक मान्यता है कि अमावस्या पर पितरों का तर्पण और पिंडदान करने पितृ दोष से मुक्ति मिलती है। साथ ही पितरों की आत्मा को शांति मिलती है। इस दिन पूजा करते समय पितृ कवच का पाठ करना अनिवार्य है। गरुड़ पुराण के अनुसार, पितृ कवच का पाठ करने से सुख, सौभाग्य, आय और वंश में वृद्धि होती है और पितृ प्रसन्न होते हैं।
ज्येष्ठ अमावस्या 2024 डेट और शुभ मुहूर्त (Jyeshtha Amavasya 2024)
पंचांग के अनुसार, ज्येष्ठ महीने के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि की शुरुआत 05 जून को रात 07 बजकर 54 मिनट पर होगी। वहीं, इस तिथि का समापन 06 जून को शाम 06 बजकर 07 मिनट पर होगा। ऐसे में 06 जून को ज्येष्ठ अमावस्या को मनाई जाएगी। इस दिन स्नान करने का समय सुबह 04 बजकर 02 मिनट से लेकर 04 बजकर 42 मिनट तक है।
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पितृ कवच (Pitru Kavach)
कृणुष्व पाजः प्रसितिम् न पृथ्वीम् याही राजेव अमवान् इभेन।
तृष्वीम् अनु प्रसितिम् द्रूणानो अस्ता असि विध्य रक्षसः तपिष्ठैः॥
तव भ्रमासऽ आशुया पतन्त्यनु स्पृश धृषता शोशुचानः।
तपूंष्यग्ने जुह्वा पतंगान् सन्दितो विसृज विष्व-गुल्काः॥
प्रति स्पशो विसृज तूर्णितमो भवा पायु-र्विशोऽ अस्या अदब्धः।
यो ना दूरेऽ अघशंसो योऽ अन्त्यग्ने माकिष्टे व्यथिरा दधर्षीत्॥
उदग्ने तिष्ठ प्रत्या-तनुष्व न्यमित्रान् ऽओषतात् तिग्महेते।
यो नोऽ अरातिम् समिधान चक्रे नीचा तं धक्ष्यत सं न शुष्कम्॥
ऊर्ध्वो भव प्रति विध्याधि अस्मत् आविः कृणुष्व दैव्यान्यग्ने।
अव स्थिरा तनुहि यातु-जूनाम् जामिम् अजामिम् प्रमृणीहि शत्रून्।
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