- बाजार में मिलने वाले आम के रंग पर न जाएं क्योंकि जरूरी नहीं कि जो पीले हों वो पके आम हों. कुदरती रूप से पके आम हरे और नारंगी रंग के होंगे.
- अच्छे आम पर सामान्य के अलावा कोई दाग नहीं होते. जबकि कैमिकल वाले आम का रंग 2-3 दिन के अंदर काला होने लगता है.
- पके हुए आम को डंठल के पास सूंघने पर खास तरह की खुशबू आएगी जबकि कार्बाइड से पकाए गए आम में कोई महक नहीं आएगी.
- बाजार से खरीदे हुए आम पहले साफ पानी से धो लें फिर किसी ठंडी जगह पर 1-2 घंटे रख दें. इसके बाद खाने में इस्तेमाल करें.
- आम को घोलकर उसके रस को सीधे मुंह से चूसने के बजाय इसके छिलके उतारकर मिक्सर में जूस बनाकर पीयें.
- मुमकिन हो तो बाजार से आम खरीदने के बजाय सीधे आम के बगीचे से ही खरीदें और घर में ही घास, कागज, या प्याज के बीच रखकर इन्हें पकाएं.
- अगर आम में एल्कोहल, कार्बाइड या किसी अन्य तरह की महक आती है ऐसे आम न खरीदें. यह ज्यादा पके और अंदर से खराब हो सकते हैं.
- आम खरीदते समय इन्हें दबाकर देखें. पके आम आसानी से दब जाएंगे.
- आम खरीदने से पहले इन्हें चखकर देखें चखने से मीठे और स्वादिष्ट लगें तो ही लें. जबकि कार्बाइड से पकाए फल का स्वाद किनारे पर कच्चा और बीच में मीठा होता है.
- पके हुए फल का वेट और कलर एक समान होता है. स्वाद में भी पूरा फल एक समान मीठा होता है. यह लंबे समय तक खराब नहीं होते. जबकि कार्बाइड से पकाए फलों का भार समान नहीं होता.
ऐसे पहचानें पका और अच्छा आम
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