old pension scheme in UP : उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath in Uttar Pradesh) की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई कैबिनेट बैठक में पुरानी पेंशन को लेकर बड़ा फैसला लिया गया है. इसमें सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के एक आदेश को स्वीकार करते हुए कहा गया है कि एक तय तारीख तक जिन भर्तियों का विज्ञापन जारी किया गया है, उन्हें पुरानी पेंशन का विकल्प दिया जाएगा. old pension scheme in UP
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यूपी के वित्त मंत्री सुरेश खन्ना (Suresh Kumar Khanna) ने बताया कि 28 मार्च 2005 के पहले तक जिन नौकरियों या भर्तियों का विज्ञापन जारी किया गया था और उनकी भर्ती प्रक्रिया पूरी हो गई है, उन चयनित कर्मचारियों को पुरानी पेंशन का विकल्प दिया जाएगा.
पुरानी पेंशन को लेकर उत्तर प्रदेश में राज्य कर्मचारी लंबे समय से अपनी मांग रख रहे हैं. हालांकि 2004 के बाद से नई पेंशन स्कीम पूरे देश भर में लागू है. कुछ राज्यों ने ही पुरानी पेंशन को वापस लौटाने का प्रक्रिया शुरू की है. ओल्ड पेंशन स्कीम चुनाव के दौरान भी मुद्दा रहा है. सपा और बसपा जैसे दल चुनावों के दौरान इस पर लगातार अपनी आवाज मुखर करते रहे हैं.
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कर्मचारियों का कहना है कि न्यू पेंशन स्कीम के तहत मिलने वाली पेंशन बेहद कम है. इससे गुजारा बेहद मुश्किल है. न्यू पेंशन स्कीम को वो घाटे का सौदा बता रहे हैं. हालांकि सरकार को पुरानी पेंशन स्कीम को लेकर वित्तीय घाटे की चिंता है. इससे सरकारी खजाने पर भारी बोझ पड़ता है. इसी के लिए न्यू पेंशन स्कीम लाई गई थी. राज्य कर्मचारियों, शिक्षकों और अन्य राज्य सरकार के अनुदानित संस्थाओं में पेंशन योजना लागू होती है.
कैबिनेट की बैठक में पुरानी पेंशन लेने के विकल्प को लेकर कर्मचारियों और शिक्षकों में खुशी है. शिक्षकों का कहना है कि लंबे समय से संघर्ष के बाद सरकार के इस सकारात्मक फैसले ने विसंगति के शिकार प्रदेश के लगभग 60 हजार शिक्षकों और कर्मचारियों के साथ-साथ परिवारिजनों के होंठों पर भी मुस्कान आई है. बात करें जनपद आजमगढ़ की तो करीब 2000 शिक्षक व कर्मचारियों ने पुरानी पेंशन विसंगति समाधान को लेकर सरकार के इस सराहनीय फैसले का जोरदार स्वागत किया है.
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