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#DepartmentofTelecommunications ने जारी किया ये आदेश
#DepartmentofTelecommunications : अब आपके आधार कार्ड की जानकारी और सुरक्षित होने जा रही है। अब दूरसंचार कंपनियां आपके आधार नंबर की जानकारी ना तो अपने किसी भी सिस्टम पर डिस्पले कर सकेंगी और ना ही उसे अपने डाटाबेस में रख पाएंगी। डिपार्टमेंट ऑफ टेलीकम्युनिकेशन ने ये आदेश जारी किया है।
आधार के विकल्प के तौर पर काम
- नया फोन लेने या वैरिफिकेशन के वक्त जो दस्तावेज काम आते हैं उनमें आधार भी एक है। अभी तक कंपनियां इसका डाटा भी अपने पास रख लेती थीं, मगर अब ऐसा नहीं होगा।
- इससे नया सिम कार्ड लेते वक्त या पुराने को वैरिफाई करने के दौरान वर्चुअल आईडी के इस्तेमाल का रास्ता साफ हो गया है।
- वर्चुअल आईडी आधार के विकल्प के तौर पर काम करेगी।
नया सिस्टम बनाएं कंपनियां
- डिपार्टमेंट ऑफ टेलीकम्युनिकेशन (DoT) की ओर से जारी एक सर्कुलर में कहा गया है कि आधार नंबर की प्राइवेसी और सुरक्षा को और पुख्ता करने के लिए यूआईडीएआई ने आधार ईकोसिस्टम में कुछ बदलाव का प्रस्ताव दिया है।
- डीओटी ने मोबाइल कंपनियों से अपनी प्रक्रिया में बदलाव करने को कहा है जैसे वर्चुअल आईडी सिस्टम को लागू करना और एक नया सिस्टम बनाना, जिसमें कंपनी के पास यूजर के डाटा की सीमित पहुंच हो।
शुरू हुई वर्चुअल आईडी
- UIDAI ने इसी साल अप्रैल में वुर्चअल आईडी की सुविधा को शुरू किया था। इसके तहत आधार नंबर की जगह 16 अंकों वाला एक पहचान नंबर जनरेट किया जाएगा और जहां भी आधार की जरूरत होगी वहां यह नंबर दिया जाएगा।
- ये नंबर कोई भी शख्स अपने मोबाइल से जनरेट कर पाएगा। ये जुड़ा तो आधार से होगा मगर आधार नंबर नहीं होगा।
- आधार नंबर के लीक होने की खबरों के बाद यह कदम उठाया गया है।
डिपार्टमेंट की तरफ से गाइडलाइंस जारी
- इसके अलावा डिपार्टमेंट ऑफ टेलीकॉम ने मोबाइल ऑपरेटर कंपनियों से ये भी कहा है कि वह आधार व वर्चुअल आईडी की डिटेल अपने पास नहीं रखेंगी।
- इसके अलावा जब किसी कस्टमर का वैरिफिकेशन हो रहा होगा तब भी वुर्चअल आईडी पर आधार नंबर नहीं दिखाई देना चाहिए।
- यह वैसे ही दिखना चाहिए जैसे पासवर्ड वगैरा दिखता है यानी मास्किंग के साथ। डिपार्टमेंट की तरफ से हिदायत जारी की गई है कि अगर गाइडलाइंस का पालन करने में किसी तरह की गड़बड़ी पाई जाती है तो कार्रवाई की जाएगी।
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