GSVM Medical College News : हैलट अस्पताल के गायनोकोलॉजी डिपार्टमेंट (Gynaecology Department) के डॉक्टरों ने एक गर्भवती महिला का जटिल ऑपरेशन किया। ऑपरेशन 1 घंटे चला। इसके बाद उसने एक नवजात बच्ची को जन्म दिया। दोनों की हालत इस समय खतरे से बाहर है। GSVM Medical College News
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गौर करने वाली बात ये कि महिला का 70% हार्ट काम करना बंद कर चुका था। इसके बाद भी डॉक्टरों ने सफलतापूर्वक ऑपरेशन को अंजाम दिया।
स्त्री एवं प्रसूति रोग विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ. रेनू गुप्ता (Dr. Renu Gupta) ने बताया कि बीते मंगलवार को इमरजेंसी में जूही बारहदेवी निवासी एक महिला (22) आई थी, जो की 9 महीने की गर्भवती थी। उसे प्राइवेट अस्पताल से यहां के लिए रेफर किया गया था, जब महिला की परेशानी पूछी और उसके बाद उनकी जांच कराई तो पता चला कि मरीज का हार्ड 70% काम ही नहीं कर रहा है।
ब्लड प्रेशर (BP) काफी हाई है और डिलीवरी का समय भी पूरा हो चुका है। बच्चे ने पेट अंदर ही मल भी त्याग दिया था। ऐसे में सबसे पहले मरीज को एक सीनियर डॉक्टर की देखरेख में रखा गया। उसके बाद कुछ दवा में परिवर्तन कर दूसरे ही दिन ऑपरेशन किया गया।
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डॉ. रेनू गुप्ता ने बताया कि….
महिला का ऑपरेशन करने में कई तरह की दिक्कतें सामने थी। सबसे पहले तो हार्ट काम ना करने की वजह से हर अंग में खून ठीक से नहीं पहुंच हो पा रहा था। इसके अलावा ब्लड प्रेशर काफी हाई था। इस स्थिति में ऑपरेशन बिल्कुल नहीं हो सकता था।
Dr. Renu Gupta ने बताया-इस तरह के केस एक हजार में एक प्रतिशत से भी कम महिलाओं के अंदर देखा जाता है, क्योंकि आदमी के शरीर में हार्ट ही सबसे ज्यादा इंपॉर्टेंट होता है, जब तक हार्ट मजबूत नहीं होगा तब तक किसी भी चीज का ऑपरेशन कर पाना नामुमकिन है।
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वहीं, शरीर में खून भी 8 पॉइंट बचा था। ऐसे में इन सभी चुनौतियों से लड़ना था, लेकिन इसमें एनेस्थीसिया की टीम ने हिम्मत दिखाई और मरीज के कमर के नीचे के हिस्से को सुनकर दिया। इससे मरीज के अंदर बेहोशी नहीं आ पाई और लगभग 1 घंटे के अंदर ऑपरेशन करके बच्ची को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया।
हार्ट के बाई तरफ की धमनी सिकुड़ गई थी…
इस मरीज के हार्ट के बाई तरफ की धमनी सिकुड़ गई थी, जो की ठीक से पंप नहीं कर रही थी। यही कारण था कि शरीर के सभी अंगों में खून ठीक से नहीं पहुंच पा रहा था। ऑपरेशन करने वाली टीम में डॉ. रेनू गुप्ता के नेतृत्व में डॉ. करिश्मा शर्मा, डॉ. विनिका सहगल, डॉ. गरिमा गुप्ता, एनेस्थीसिया से डॉ. नेहा मिश्रा शामिल थी।
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