KANPUR NEWS : सिविल लाइंस स्थित हडर्ड स्कूल के सामने नजूल की 1700 करोड़ रुपये की जमीन अब सरकारी भूमि में दर्ज हो गई है। एसडीएम सदर की रिपोर्ट पर डीएम ने आदेश जारी करके नजूल रजिस्टर में जमीन को सरकारी भूमि में दर्ज करा दिया है।
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अब नजूल की जमीन (NAZUL LAND) पर सभी के दावे अवैध हो गए हैं, साथ ही यहां से अवैध कब्जे हटाए जाएंगे। टीम ने मंगलवार को अपनी जांच रिपोर्ट भेजी, जिस पर जिलाधिकारी राकेश कुमार सिंह ने तत्काल निर्णय लिया। टीम पहले ही जमीन सरकार में निहित होने का नोटिस चस्पा कर चुकी थी।
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डीएम राकेश कुमार सिंह (DM RAKESH KUMAR SINGH) ने बताया कि जमीन अब सरकारी भूमि में दर्ज हो गई है। आदेश जारी कर दिया गया है। उसे नजूल रजिस्टर में दर्ज करा दिया गया है। मौके पर काबिज अवैध कब्जेदारों जगह खाली कराई जाएगी।
जांच टीम गठित की गई थी
हडर्ड स्कूल के सामने नजूल की जमीन पर कब्जे का मामला सामने आने के बाद DM ने जांच टीम गठित की थी। इसमें SDM सदर प्रखर कुमार, तहसीलदार रितेश कुमार औरACM सप्तम सुरेंद्र बहादुर को नामित किया है। टीम ने विभागीय दस्तावेजों की पड़ताल की। मौजूदा समय में उक्त जमीन पर रहने वालों के बयान दर्ज किए।
सिविल लाइंस स्थित 15/62 नजूल की जमीन 69, 69 ए, बी और सी के नाम पर प्रचलित है। यहां पर 69 में 15688 वर्गमीटर, 69 ए में 1665.57 वर्गमीटर, 69 बी में 5865 वर्गमीटर और 69 सी में 340 वर्गमीटर जमीन है। चारों जमीनें लीज पर वूमेंस यूनियन मिशन सोसाइटी ऑफ अमेरिका को लीज पर दी गई थीं। सोसाइटी का नाम बदलकर बिना डीएम की अनुमति के जमीन को खरीदा बेचा गया। लीज खत्म होने के बावजूद अवैध तरीके से खरीद-फरोख्त होती रही। प्रशासन ने ध्यान नहीं दिया। करीब 10 दिन पहले अवैध तरीके से जमीन में कब्जा करने का प्रयास हुआ था। उसके बाद डीएम ने SDM सदर से जमीन की रिपोर्ट तलब की थी।
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एसडीएम ने रिपोर्ट में क्या बताया
SDM ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि सोसाइटी को दी गई लीज खत्म होने के बाद उसको बढ़वाया नहीं गया। लीज रेंट नहीं जमा किया गया। फ्री होल्ड की प्रक्रिया नहीं की गई। अवैध तरीके से परिसर में स्कूल और गेस्ट हाउस का संचालन होता रहा। लीज खुद ब खुद खत्म हो चुकी है। इसलिए जमीन को सरकारी भूमि में दर्ज किया जाए। डीएम ने जमीन को सरकारी भूमि में दर्ज करने का आदेश दिया। उसको नजूल रजिस्टर में दर्ज किया गया।
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यहां पर रह रहे कब्जेदार हटाए जाएंगे
जमीन को लेकर पावर ऑफ अटार्नी समेत अन्य लिखापढ़ी के जरिए कई लोग इस जमीन पर अपने-अपने दावे कर रहे थे। अब जमीन सरकारी भूमि में दर्ज होते ही सारे दावे खारिज हो गए। जमीन को दोबारा सरकारी भूमि में दाखिल कर दिया गया है। वहीं मौके पर पाए गए तीन कब्जेदारों को अब खाली कराया जाएगा। इसकी कार्रवाई जल्द ही प्रशासन करेगा।