BREAKING NEWS : समुद्री तूफान यागी (Yagi storm) के असर से दलहनी फसलें चौपट हो गईं। सब्जियों की फसलों पर भी असर पड़ा है। हालांकि धान की फसल को फायदा हुआ है। वहीं, मौसम विभाग का कहना है कि 24 घंटे बाद फिर बारिश की संभावना है।
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सोमवार सुबह की बात करें तो बादलों की आवाजाही बनी हुई है। मौसम विशेषज्ञ डॉ. एसएन सुनील पांडेय ने बताया कि सितंबर में अधिक बारिश से दलहनी फसलें प्रभावित हुई हैं लेकिन धान फायदे में हैं। सब्जियों को भी नुकसान हुआ है जिसका असर कुछ दिन बाद दिखेगा। आगे भी बारिश अभी जारी रहेगी।
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प्रदेश में 8 फीसदी कम बारिश
मानसून के अधिक सक्रिय न होने अगस्त तक प्रदेश में बारिश औसत से 14 फीसदी कम थी पर सितंबर में यागी आने के बाद बारिश की कमी पूरी हो गई। 15 सितंबर तक प्रदेश में औसत बारिश आठ फीसदी अभी भी कम है। पूर्वी उत्तर प्रदेश में 16 फीसदी की कमी बनी हुई जबकि पश्चिमी उत्तर प्रदेश में औसत से छह फीसदी अधिक हुई है। कानपुर नगर में 15 सितंबर तक औसतन 577 मिमी बारिश होनी चाहिए थी लेकिन 386.7 मिमी बारिश हुई। करीब 33 फीसदी वर्षा कम रिकॉर्ड की गई। कानपुर देहात में भी 33 फीसदी कम बारिश हुई है। यहां की औसत बारिश 539.3 मिमी है पर अब तक 360 मिमी बारिश दर्ज हुई है।
दलहन की फसलों को नुकसान
खरीफ सीजन में प्रमुख फसलों में धान और अरहर प्रमुख हैं। दलहन की फसलों के लिए कम जल की आवश्यकता होती है। ज्यादा पानी नुकसानदायक साबित हो सकता है। अरहर के बाद चना की फसल महत्वपूर्ण है। दलहन की 10-15 फीसदी फसल यागी के दौरान हुई बारिश के कारण बर्बाद हुई है। तेज बारिश से धान को फायदा मिला। इस बार धान की फसल अच्छी होने की संभावना है। अभी सितंबर में और बारिश की संभावना जताई जा रही है। यदि यह बारिश हो जाती है तो धान की पैदावार अच्छा हो सकती है।
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बंगाल की खाड़ी से बारिश
बंगाल की खाड़ी से उठा चक्रवात बिहार के सहारे यूपी में प्रवेश करेगा। इससे पूर्वी उत्तर प्रदेश के हिस्से बारिश की संभावना है। कानपुर में 17 और 18 सितंबर को बारिश की उम्मीद है। रविवार को अधिकतम पारा 32.6, न्यूनतम 25 डिग्री है।