HIGH COURT NEWS : पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट (Punjab and Haryana High Court) ने वाहन खरीद के बाद मूल्य में हुई बढ़ोतरी पर अतिरिक्त रोड टैक्स वसूलने के चंडीगढ़ प्रशासन के फैसले को खारिज कर दिया है। HIGH COURT NEWS
अदालत ने स्पष्ट किया कि वाहन की खरीद के समय चुकाई गई कीमत के आधार पर ही रोड टैक्स लगाया जाएगा, न कि पोर्टल पर बाद में अपडेट की गई कीमत के अनुसार। यह निर्णय वाहन मालिकों के लिए राहत की खबर लेकर आया है, जो खरीद के समय तय कीमत के बाद रोड टैक्स में वृद्धि के शिकार हो रहे थे।
यह आदेश अलंकार नरूला द्वारा दायर एक याचिका पर आया है, जिसमें एडवोकेट राणा गुरतेज सिंह और निखिल गोयल के माध्यम से चंडीगढ़ प्रशासन द्वारा वसूले गए अतिरिक्त रोड टैक्स को चुनौती दी गई थी। याचिकाकर्ता ने बताया कि उन्होंने 19,79,054 रुपए की वास्तविक कीमत पर वाहन खरीदा था। 10 जून 2022 को पंजीकरण के लिए आवेदन किया। हालांकि, वाहन पोर्टल पर वाहन की कीमत बढ़कर 20,16,892 रुपए हो गई, जिसके परिणाम स्वरूप 6 प्रतिशत की बजाय 8 प्रतिशत रोड टैक्स की मांग की गई।
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अदालत का तर्क
जस्टिस संजीव प्रकाश शर्मा और जस्टिस संजय वशिष्ठ की पीठ ने प्रशासन के तर्क को खारिज करते हुए कहा कि वाहन खरीद के समय की वास्तविक कीमत पर ही रोड टैक्स लागू किया जाना चाहिए। कोर्ट ने कहा कि पोर्टल पर दिखने वाले बाद के मूल्य में परिवर्तन के आधार पर कर लगाने का कोई वैध आधार नहीं है।
पीठ ने आदेश दिया कि प्रशासन को याचिकाकर्ता से वसूला गया अतिरिक्त टैक्स वापस करना होगा और 6 प्रतिशत की दर से रोड टैक्स लगाया जाना चाहिए, क्योंकि वाहन की वास्तविक कीमत 20 लाख रुपए से कम थी।
प्रशासन का पक्ष
चंडीगढ़ प्रशासन (Chandigarh) ने कोर्ट में दलील दी कि पोर्टल पर जो कीमत दिखाई गई थी, वह केंद्र सरकार के स्तर पर अपडेट हुई थी और राज्य का उस पर कोई नियंत्रण नहीं था। इसी वजह से प्रशासन ने 8 प्रतिशत की दर से रोड टैक्स की मांग की थी। प्रशासन ने यह भी कहा कि पोर्टल में बदलाव के कारण राज्य को 6 प्रतिशत टैक्स लगाने में समस्या हो रही थी।
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अंतरिम आदेश और अंतिम फैसला
अदालत ने अपने अंतरिम आदेश में निर्देश दिया था कि याचिकाकर्ता 8 प्रतिशत की दर से कर जमा कर सकता है, जो याचिका के अंतिम परिणाम के अधीन होगा। इस फैसले के बाद, अब प्रशासन को अतिरिक्त वसूली गई राशि को लौटाना होगा और वाहन मालिक को राहत मिलेगी।
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