सलमान खान (Salman Khan) को जान की धमकी, सिद्धू मूसेवाला (Sidhu Moose Wala) और बाबा सिद्दकी (Baba Siddiqui) की हत्या की जिम्मेदारी लेने वाला तिहाड जेल में बंद गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई (Lawrence Bishnoi) भी एक समय पुलिस कस्टडी में रहते काफी खौफ में था। डर था कहीं उसका एनकाउंटर न कर दिया जाए। इसको लेकर कोर्ट में याचिका भी दायर की गई। बताते हैं कि यह कब और क्यों हुआ ?
Baba Siddiqui Murder Case : मर्डर में 4 नहीं, 10-15 लड़के शामिल
लॉरेंस बिश्नोई गैंग ने ली बाबा सिद्दीकी की हत्या की जिम्मेदारी
कानपुर के दुर्दांत अपराधी विकास दुबे के एनकाउंटर (Vikas Dubey encounter) के बाद गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई काफी खौफ में था। उसने डबवाली जिला अदालत में याचिका दायर कर विशेष सुरक्षा की मांग की। लॉरेंस ने अंदेशा जताया था कि हिरासत से भागने के नाम पर पुलिस उसका फर्जी एनकाउंटर कर सकती है। ऐसे में उसे हथकड़ी लगाकर ही पेश किया जाए। इसलिए उसका प्रॉडक्शन वारंट जारी न किया जाए। अगर पुलिस उसे पेशी पर ले जाती है तो उसके हाथों तथा पैरों में बेडिय़ां पहनाई जाए।
2020 में यूपी पुलिस द्वारा विकास दुबे एनकाउंटर के बाद लॉरेंस बिश्नोई ने पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया, चंडीगढ़ पुलिस को अपनी ट्रांजिट रिमांड के लिए बुलेट प्रूफ/बख्तरबंद वाहन हासिल करने के लिए कानून की किताबों का भरपूर इस्तेमाल किया।
अंजाम देने से पहले लॉरेंस बिश्नोई मौन व्रत रखता है, इस बार भी रखा था 9 दिनों का उपवास
हाईकोर्ट ने लॉरेंस बिश्नोई को बुलेट प्रूफ वाहन में ले जाने का आदेश दिया
वर्ष 2020 में जब पंजाब और हरियाणा पुलिस लॉरेंस बिश्नोई को पूछताछ के लिए पुलिस हिरासत में लेना चाहती थी, तो गैंगस्टर ने पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय के समक्ष एक याचिका दायर कर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पूछताछ की गुहार लगाई थी, जब हरियाणा और पंजाब पुलिस ने बदला लेने के एक मामले में उसकी हिरासत की मांग की थी।
बिश्नोई की कानूनी टीम ने विकास दुबे एनकाउंटर का हवाला दिया। हाईकोर्ट ने ट्रांजिट के लिए बुलेट प्रूफ वाहन का आदेश दिया है।
- वर्ष 2020, 21 दिसंबर। न्यायमूर्ति गुरविंदर सिंह गिल की एकल पीठ ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पुलिस पूछताछ की याचिका को खारिज करते हुए बिश्नोई की मुठभेड़ की दलील को संबोधित करने के लिए कुछ शर्तें रखी थीं।
- अभियुक्त को बुलेटप्रूफ या बख्तरबंद वाहन में लाया जाएगा, तथा उसके साथ अत्याधुनिक हथियारों और गोलाबारूद से लैस प्रशिक्षित कमांडो भी होंगे।
- चूंकि याचिकाकर्ता स्वयं चाहता है कि उसे विधिवत हथकड़ी लगाकर लाया जाए, इसलिए यह निर्देश दिया जाता है कि याचिकाकर्ता को पारगमन के दौरान विधिवत हथकड़ी और बेड़ियाँ लगाई जाएँ, जो पुलिस के साथ-साथ आरोपी के लिए भी सहायक होगा।
- सम्पूर्ण ऑपरेशन की निगरानी एवं पर्यवेक्षण डीआईजी, यूटी चंडीगढ़ द्वारा किया जाएगा।
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कौन था विकास दुबे
2020 कानपुर के बिकरू गांव में सीओ समेत 8 पुलिस वालों की हत्या करने वाला गैंगस्टर विकास दुबे एनकाउंटर में मारा गया। यूपी एसटीएफ की टीम विकास को उज्जैन से कानपुर ला रही थी, लेकिन शहर से 17 किमी पहले सचेंडी थाना क्षेत्र में काफिले की एक गाड़ी पलट गई। एसटीएफ के मुताबिक इस दौरान विकास पिस्टल छीनकर भाग निकला। जब उसे पकड़ने की कोशिश की गई तो उसने फायर कर दिया। जवाबी कार्रवाई में वह जख्मी हो गया। तीन गोलियां उसकी छाती में और एक बांह में लगी। विकास को अस्पताल ले जाया गया। जहां मृत घोषित कर दिया।