UTTAR PRDESH NEWS : लखनऊ का हजरतगंज शत्रु संपत्ति पर बसा है। यहां शत्रु संपत्तियां (Enemy Property) लीज पर लेकर कब्जेदारों ने दूसरों को किराए पर दे दिया है। इसका खुलासा हलवासिया स्थित शत्रु संपत्ति के भवन महमूदाबाद मेंशन में चल रहे होटल कबीला पर एक्शन के बाद हुआ। लखनऊ में यह पहली शत्रु संपत्ति है, जिसे सील किया गया। UTTAR PRDESH NEWS
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लखनऊ में लगभग 350 से ज्यादा शत्रु संपत्तियां चिह्नित की गई हैं। अकेले सदर तहसील में 125 से अधिक शत्रु संपत्तियां हैं। अन्य प्रमुख इलाकों में हजरतगंज, तिलक मार्ग और चारबाग की कई संपत्तियां शामिल हैं, जिन पर सालों से कई परिवार बसे हुए हैं और व्यवसाय कर रहे हैं। तिलक मार्ग स्थित बटलर पैलेस, हलवासिया मार्केट, महमूदाबाद मेंशन और मौलवीगंज की लाल कोठी भी उस लिस्ट में शामिल है, जो शत्रु संपत्ति अधिनियम के तहत चिह्नित की गई है।
सरकार अब शत्रु संपत्तियों को लेकर सख्त हो गई है। शत्रु संपत्ति पर कब्जेदारों से 11 महीने का लाइसेंस समझौता करने या जगह खाली करने का आदेश जारी किया गया है। ऐसे में इन संपत्तियों पर बसे परिवारों के सामने बड़ी चुनौती खड़ी हो गई है।
2020 में भी जारी किया गया था नोटिस
लखनऊ में राजा महमूदाबाद की शत्रु संपत्तियों पर सरकारी कार्रवाई तेजी से चल रही है। हजरतगंज के कुछ हिस्से, बटलर पैलेस, महमूदाबाद मेंशन, लारी बिल्डिंग और मलका जमानिया-गोलागंज की अचल संपत्तियां जो कभी राजा महमूदाबाद की संपत्ति थी, अब सरकार की हैं।
2020 में लखनऊ के एडीएम कोर्ट ने 421 करोड़ रुपए की इन संपत्तियों को जब्त करने के आदेश जारी किए थे। यह आदेश उत्तर प्रदेश सीलिंग एक्ट के तहत जारी किया गया था, जिससे राज्य सरकार को इन संपत्तियों पर नियंत्रण पाने का अधिकार मिल गया है।