Kar Darshan Mantra: सुबह जगते (Morning rituals) से ही ऐसे काम करने की सलाह दी जाती है जिससे मन और दिमाग शांत रहे. Kar Darshan Mantra
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ऋषि मुनियों के दौर से सुबह जगते ही हथेलियों के देखने की परंपरा है, जिसे कर दर्शन (Kar darshan) भी कहा जाता है. ऐसे में चलिए आज हम आपको बताते हैं हथेली के दर्शन करके दिन की शुरुआत करने से क्या होता है और कर दर्शन करते समय आपको किस मंत्र का जाप करना चाहिए.
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परंपरा और महत्व
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, सुबह जागने के बाद बिस्तर पर बैठे-बैठे ही अपने दोनों हथेलियां को आपस में जोड़कर आंखें बंद करें. इसके बाद दोनों हथेलियां को आपस में रगड़ें और अपने चेहरे पर लगाएं. इस परंपरा के पीछे यह संदेश होता है कि हम हाथों से ही कर्म करते हैं और कर्म करने से ही हमें सफलता मिलती है, हमारा भाग्य बनता है और जब हम कर्म करेंगे, तो जीवन में सुख शांति और सफलता भी मिलेगी. कहते हैं कि रोज सुबह हथेली देखने से देवी लक्ष्मी, सरस्वती जी और भगवान विष्णु का ध्यान होता है और इसे सकारात्मक भी बढ़ती है.
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इस मंत्र का करें जाप
जब आप सुबह उठें तो अपने बिस्तर पर ही आप कर दर्शन कर सकते हैं, इसके लिए आप अपने हाथों को जोड़ें. इस दौरान “कराग्रे वसते लक्ष्मीः करमध्ये सरस्वती, करमूले तु गोविंदः प्रभाते करदर्शनम्” मंत्र का जाप करें. इस मंत्र का अर्थ होता है कर यानी हमारी हथेलियां के आगे वाले भाग पर देवी लक्ष्मी वास करती हैं, कर मध्य यानी कि हथेली के बीच वाले हिस्से में देवी सरस्वती का वास होता है. वहीं, करमूले यानी कि हथेली के मूल भाग में भगवान विष्णु निवास करते हैं. सुबह हथेलियों के दर्शन करके हम लक्ष्मी, सरस्वती और विष्णु जी को प्रणाम करते हैं.
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