Why Eyes Close When Sneezing: छींक के दौरान, हमारी आंखें बंद हो जाती हैं, जीभ ऊपर उठती है और शरीर की मांसपेशियां भी सिकुड़ जाती हैं। यह पूरी प्रक्रिया कुछ ही सेकंड्स में पूरी हो जाती है। Why Eyes Close When Sneezing
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छींक के जरिए, हमारी नाक इन हानिकारक कणों को बाहर निकालकर हमारे शरीर को इन्फेक्शन से बचाती है। आइए विस्तार से समझते हैं इसके पीछे का विज्ञान।सर्दियों में इन फलों को जरूर करें डाइट में शामिल
कब और कैसे आती है छींक?
कभी-कभी धूल या पाउडर जैसे कण नाक में चले जाते हैं, जिससे नाक में जलन होती है। एलर्जी या तेज रोशनी भी छींकने का कारण बन सकती है। ये कण या एलर्जन्स नाक के नर्व्स को एक्टिव करते हैं, जिसके कारण शरीर उन्हें बाहर निकालने के लिए छींकता है।
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हमारी नाक में एक पतली, नम परत होती है जिसे म्यूकस झिल्ली कहते हैं। इस परत में बहुत छोटी-छोटी कोशिकाएं होती हैं जो आसानी से किसी भी बदलाव को महसूस कर लेती हैं। जब कोई धूल या परागकण इस परत को छूता है, तो कोशिकाएं उत्तेजित हो जाती हैं और दिमाग को संकेत भेजती हैं। दिमाग तब हमारे शरीर को आदेश देता है कि वह छींकें और वह परेशान करने वाली चीज बाहर निकल जाए।
छींकते समय क्यों बंद हो जाती हैं आंखें?
छींकते समय आंखें बंद हो जाना एक आम बात है। एक्सपर्ट्स के मुताबिक, जब हम छींकते हैं तो हमारा दिमाग आंखों को बंद करने का मैसेज भेजता है। यह एक अनैच्छिक क्रिया है, यानी इसे हम अपनी इच्छा से कंट्रोल नहीं कर सकते हैं। चाहे हम कितनी भी कोशिश कर लें, छींकते समय आंखें खुली रखना लगभग असंभव होता है।
क्या छींकते समय बंद हो जाती है दिल की धड़कन?
यह एक आम धारणा है कि छींकते समय दिल कुछ पलों के लिए धड़कना बंद कर देता है। हालांकि, यह पूरी तरह से सच नहीं है। जब हम छींकते हैं तो हमारे शरीर में कई बदलाव होते हैं। इनमें से एक है हमारे सीने में दबाव में अचानक बदलाव आना। इस दबाव के बदलने से ब्लड फ्लो पर भी असर पड़ता है। यही वजह है कि छींकते समय हमें ऐसा महसूस होता है कि हमारे दिल ने धड़कना बंद कर गया है, लेकिन असल में, हार्ट बीट लगातार बनी रहती है और यह पूरी तरह से रुकती नहीं है।
छींकते समय शरीर में होने वाले बदलाव इतनी तेजी से होते हैं कि हमें ऐसा लगता है कि दिल की धड़कन रुक गई है, लेकिन यह सिर्फ एक टेम्परेरी एक्सपीरिएंस है। जैसे ही छींक निकल जाती है, सब कुछ नॉर्मल हो जाता है।
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क्या छींक रोकना सही है?
अगर आपको छींक आ रही है तो उसे रोकने की कोशिश बिल्कुल न करें। छींकना एक नेचुरल प्रोसेस है जो आपके शरीर को हानिकारक पदार्थों से छुटकारा पाने में मदद करती है। जब छींक बहुत जोरजार होती है और जब आप इसे रोकने की कोशिश करते हैं, तो यह आपके नाक, कान और आंखों पर दबाव डाल सकती है। इससे आपके नाक के मार्ग में दबाव बढ़ सकता है और आपकी आंखों, नाक या कान के पर्दों में ब्लड वेसल्स को नुकसान पहुंच सकता है। इसलिए, जब भी आपको छींक आ रही हो उसे नॉर्मल तरीके से निकलने दें।