मिलेंगे कई वरदान , सावन के महीने में बरतें ये सावधानियां
सावन का महीना शुरू हो चुका है. इस बार सावन का महीना 28 जुलाई से 26 अगस्त तक रहेगा. सावन का महीना हिन्दुओं के पवित्र चातुर्मास में से एक माना जाता है.इस महीने का संबंध पूर्ण रूप से शिव जी से माना जाता है. इसी महीने में समुद्र मंथन हुआ था और भगवान शिव ने हलाहल विष का पान किया था. हलाहल विष के पान के बाद उग्र विष को शांत करने के लिए भक्त इस महीने में शिव जी को जल अर्पित करते हैं.
पूरे वर्ष भर पूजा करके जो फल पाया जाता है वह फल केवल सावन में पूजा करके पाया जा सकता है. तपस्या, साधना और वरदान प्राप्ति की लिए यह महीना विशेष शुभ माना जाता है.
सावन के महीने में किस तरह की विशेष लाभ हो सकते हैं ?
- जिनका विवाह नहीं हो पा रहा है ऐसे लोग विशेष प्रयोग करके विवाह का वरदान पा सकते हैं.
- जिनकी कुंडली में आयुभाव कमजोर है उन्हें भी आयु रक्षा का वरदान मिल सकता है.
- सावन में शनि की पूजा सबसे ज्यादा फलदायी होती है.
- इस महीने में कुंडली के तमाम दोषों जैसे ग्रहण दोष, राहु दोष, गुरु चांडाल दोष आदि को शांत किया जा सकता है.
- पूरे वर्ष में सर्प पूजा इसी महीने में हो सकती है.
क्या है सावन की विशेष सावधानियां ?
- सावन के महीने में जल का संचयन करें, जल की बर्बादी न करें.
- इस महीने में शाक और पत्तेदार चीज़ों का सेवन न करें.
- बासी और भारी खाना तथा मांस-मदिरा के सेवन से बचें.
- इस महीने में तेज धूप में घूमने से बचें, आंखों में कंजक्टीवाईटिस और अन्य संचारी बीमारियां हो सकती हैं.
- कम से कम सावन के हर सोमवार को उपवास रखें.
- शिव लिंग पर रोज प्रातः जल और बेल पत्र अर्पित करें.
- दूध कम से कम अर्पित करें और तांबे से तो बिल्कुल अर्पित न करें.
- अगर आप रुद्राक्ष धारण करना चाहते हैं तो सावन का महीना इसके लिए सबसे उपयुक्त है.
- नित्य प्रातः शिव पंचाक्षर स्तोत्र या शिव मंत्र का जाप करें.
- इसके बाद ही जलपान या फलाहार करें.
सावन में किन मंत्रों का जाप करना लाभदायक होगा?
- “नमः शिवाय”
- “ॐ नमो भगवते रुद्राय”
- “ॐ चन्द्रशेखराय नमः”
- “ॐ उमामहेश्वराभ्याम् नमः”