NagaPanchami : कालसर्प दोष का अंत, मंदिर में ऐसी पूजा का विशेष प्रावधान
NagaPanchami : वैसे तो सावन के महीने का हर दिन भगवान भोले शंकर का दिन होता है। पूरे महीने कृपानिधान शिव शंकर कृपा बरसाते हैं लेकिन नाग पंचमी का दिन बेहद ही खास है क्योंकि इस दिन भगवान आशुतोष का प्रिय आभूषण उनके गले के हार अर्थात नाग देवता की पूजा करके आप अपनी हर मनोकामना पूर्ण कर सकते हैं।
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यदि आप कालसर्प दोष से ग्रसित हैं तो इस दिन उसका भी निवारण किया जा सकता है। नाग की पूजा से महादेव जल्द प्रसन्न होते हैं और आपके जीवन की हर बाधा को दूर कर देते हैं।
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सर्वथा उचित होता है
- यह अवसर काल सर्प दोष की शान्ति पूजा करवाने के लिए सर्वथा उचित होता है।
- मंदिर में ऐसी पूजा का विशेष प्रावधान भी किया जाता है।
- किसी कारण सुयोग्य कर्मकांडी उपलब्ध न हो तो आप खुद भी ओम् रां राहुवे नम: मंत्र का या ओम कुरूकुल्ये हुं पट स्वाहा 108 बार जाप करके शिव प्रतिमा पर दुग्ध ,नाग-नागिन की प्रतिमाएं आदि अर्पित कर सकते हैं।
- इस दिन काले तिल, काले उड़द, काली राई, नीला वस्त्र, जामुन, काला साबुन, कच्चे कोयले, सिक्का, रांगा या लैड आदि दान अथवा चलते पानी में प्रवाहित करने से विशेष लाभ मिलता है।
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108 बार जाप करें
ओम् रां राहवे नम: तथा ओम कें केतवे नम: का 108 बार जाप करें। पुष्य नक्षत्र या सोमवार को महादेव पर जल एवं दूध चढ़ाएं। महामृत्युंजय मंत्र का जाप करें या कैसेट सुनें। ओम नम: शिवाय का जाप करें। मध्यमा में नाग की अंगूठी पहनें। सर्प को दूध पिलाएं। काल सर्प योग की अंगूठी, लाकेट, यंत्र, गोमेद या लहसुनिया की अंगूठी धारण की जा सकती है।
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रुद्राभिषेक कराएं
500 ग्राम का पारद शिवलिंग बनवा कर रुद्राभिषेक कराएं। घर में मोरपंख रखें। ओम नमो वासुदेवाय मंत्र का जाप करें। एकाक्षी नारियल पर चंदन से पूजन कर के 7 बार सिर से घुमा कर प्रवाहित कर दें। सांप को सपेरे की मदद से दूध पिलाएं। नव नाग स्तोत्र का जाप करें। राहू यंत्र पास रखें या बहाएं। नाग पंचमी पर वट वृक्ष की 108 प्रदक्षिणा करें।