Mahakumbh 2025 : आपको बता दें कि कल्पवास (kalpavas) आत्मिक शुद्धि और आध्यात्मिकता की तरफ बढ़ने का साधन है. वैसे तो कल्पवास आप कभी भी कर सकते हैं, लेकिन कुंभ के दौरान करने का विशेष महत्व होता है. ऐसे में आइए जानते हैं कुंभ में कल्पवास करने का क्या है नियम… Mahakumbh 2025
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क्या होता है कल्पवास – what is kalpavas
कल्पवास (kalpavas) का मतलब होता है पूरे एक महीने तक संगम के किनारे रहकर वेद अध्ययन ध्यान और पूजन करना. कल्पवास करने वाले को सफेद या पीले रंग का वस्त्र पहनना होता है.
कल्पवास की अवधि
कल्पवास (kalpavas) की सबसे कम अवधि एक रात की होती है. इसके अलावा कल्पवास की अवधि तीन रात, तीन महीने, 6 महीने, 6 साल, 12 साल या जीवनभर का हो सकता है. Mahakumbh 2025
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पद्म पुराण में कल्पवास के 21 नियम
आपको बता दें कि पद्म पुराण में कल्पवास के 21 नियम हैं. जो व्यक्ति 45 दिन इन नियमों का पालन करना होता है तभी कल्पवास का पूरा फल प्राप्त होता है. …
नियम – What are the rules of Kalpavas
सत्यवचन
अहिंसा
इंद्रियों पर वस रखना
सभी प्राणियों पर दया भाव रखना
ब्रह्मचर्य का पालन करना
बुरी आदतों से दूर रहना
ब्रह्म मुहूर्त में उठना
पिंडदान करना
दान-पुण्य करना
अंतर्मुखी जप
तीन बार पवित्र नदी में स्नान करना
त्रिकाल संध्या का ध्यान करना
सत्संग
संकल्पित क्षेत्र से बाहर न जाना
निंदा ना करना
साधु- संतों की सेवा
जप और कीर्तन करना
एक समय भोजन करना
जमीन पर सोना
अग्नि सेवन न करना
देव पूजन करना
कल्पवास के क्या हैं लाभ – What are the benefits of Kalpavas
जो व्यक्ति श्रद्धा और निष्ठापूर्वक नियमों का पालन करते हैं उनकी सारी मनोकामनाएं पूरी होती हैं.
आपको बता दें कि कुंभ मेले के दौरान किया गया कल्पवास उतना ही फलदायक होता है जितना 100 सालों तक बिना अन्न ग्रहण किए तपस्या करना. Maha kumbh
साथ ही कुंभ में कल्पवास करने से भगवान विष्णु का आशीर्वाद प्राप्त होता है. इससे सुख-समृद्धि और सौभाग्या का वास होता है.
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