Uttar Pradesh News: कानपुर (KANPUR) की तहसील बिल्हौर के चंपतपुर गांव का एक किसान महज पांच बिस्वा जमीन पर कब्जे को लेकर अरसे से तहसील के चक्कर लगा रहा था। Uttar Pradesh News
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डीएम Jitendra Pratap Singh की एक सप्ताह में ताबड़तोड़ कार्रवाई
कब्जा न मिल पाने पर किसान ने हाईकोर्ट (HIGH COURT) में रिट दायर की। तहसील प्रशासन से कार्रवाई न होने पर हाईकोर्ट ने 28 जनवरी को डीएम कानपुर को तलब किया है।
बिल्हौर तहसील में प्रैक्टिस कर रहे अधिवक्ता अमित श्रीवास्तव ने बताया कि कुछ साल पहले चौबेपुर निवासी किसान विवेक सिंह चंदेल ने चंमतपुर गांव में पांच बिस्वा भूमि का एक किसान से बैनामा कराया था। किसान को भूमि पर कब्जा नहीं मिल रहा था। उस भूमि के गाटा संख्या में नर्सरी और ऊसर दर्ज था। जिस कारण नर्सरी वाले लोग किसान को भूमि पर कब्जा नहीं दे रहे थे। पीड़ित किसान जमीन पर कब्जा लेने के लिए लगातार तहसील के अफसरों की चौखट पर चक्कर काट रहा था। तहसील अफसर लगातार हीलाहवाली कर किसान को टरका देते थे। अधिवक्ता अमित के मुताबिक छह माह पहले किसान ने तंग आकर अपनी भूमि की पैमाइश कराकर कब्जा दिलाने के लिए हाईकोर्ट में रिट दायर की। जिसमें तहसील अफसरों को किसान की भूमि की पैमाइश कराकर कार्रवाई के लिए आदेशित किया गया। हाईकोर्ट के आदेश पर महिला अफसर ने पुरानी खतौनी का मिलान किया। जिसमें किसान की क्रय की भूमि का गाटा संख्या किसी कारणवश कम्प्यूटर खतौनी में छूटा पाया गया। महिला अफसर ने खतौनी संशोधन के लिए वाद दायर कराया। इसके बावजूद भी तहसील अफसर द्वारा भूमि की पैमाइश नहीं कराई गई। इससे परेशान किसान ने नवंबर में हाईकोर्ट में रिट दायर की। आरोप है कि तहसील के अफसर हाईकोर्ट के आदेश को नजरअंदाज कर मामले को दबाए रहे। पीड़ित किसान के वकील ने बताया कि हाईकोर्ट ने 17 जनवरी को सुनवाई करते हुए कानपुर जिलाधिकारी को 28 जनवरी को तलब किया है। इस मामले को हाईकोर्ट ने 28 जनवरी के टॉप-10 केस में रखा है।
बिल्हौर तहसील के अफसर आए दिन जाते हाईकोर्ट
बिल्हौर तहसील का हाईकोर्ट और राजस्व परिषद लखनऊ से पुराना नाता है। कभी तहसीलदार तो कभी नायब तहसीलदार हाईकोर्ट रिट का जबाब लगाने जाया करते हैं। सूत्रों के मुताबिक इधर एक साल से तहसील बिल्हौर के अफसरों की लापरवाही से बहुत से काम लंबित व प्रभावित हैं। पीड़ित पक्ष आए दिन हाईकोर्ट में जाकर रिट करते हैं। करीब दो से तीन रिट का जवाब प्रतिमाह तहसील अफसरों को हाईकोर्ट जाकर देना होता है। इसके बावजूद भी काम में कोई सुधार नही है।
बिल्हौर में पांच बिस्वा जमीन का एक मामला चल रहा है, जिसमें हाईकोर्ट में जवाब लगाना है। यह पुराना मामला है। मामले की जानकारी मिलते ही कार्रवाई करते हुए शिकायत का निस्तारण करा दिया गया है। दोनों पक्ष संतुष्ट हैं और पीड़ित पक्ष को कब्जा मिल गया है। अब हाईकोर्ट को समस्या के समाधान की जानकारी देनी है।
जितेंद्र प्रताप सिंह, जिलाधिकारी