KANPUR NEWS : तहसील सदर के राजस्व निरीक्षक (लेखपाल) आलोक दुबे को कुटरचित और फर्जी दस्तावेज तैयार करने के मामले में आरोपी पाए जाने पर तत्काल प्रभाव से डीएम जितेंद्र प्रताप सिंह (DM Jitendra Pratap Singh) ने सस्पेंड कर दिया है। KANPUR NEWS
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वहीं विभागीय कार्यवाही की जांच के लिए एडीएम वित्त को जांच अधिकारी नामित किया है। सचेंडी निवासी संदीप सिंह की दो दिसम्बर 2024 की शिकायत पर तीन सदस्यीय कमेटी गठित की गई थी। कमेटी की जांच रिपोर्ट के आधार पर डीएम ने यह कार्रवाई की है।
कानपुर नगर में एक राजस्व निरीक्षक (लेखपाल) पर गंभीर आरोपों के चलते विभागीय कार्रवाई की गई है। तहसील सदर के राजस्व निरीक्षक आलोक दुबे पर फर्जी दस्तावेज तैयार करने और अनियमित तरीके से भूमि क्रय-विक्रय का आरोप है। शिकायतकर्ता संदीप सिंह का आरोप है कि सिंहपुर कठार की गाटा संख्या 207 में राजपति और राजकुमारी का नाम दर्ज नहीं था, फिर भी फर्जी दस्तावेजों के आधार पर बैनामा करा दिया गया।
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कोर्ट में विचाराधीन होने के बाद भी कराया बैनामा
इसी बीच रामपुर भीमसेन की गाटा संख्या 895 और अन्य गाटों पर श्रीमती मोहन लाला की वसीयत का मामला भी न्यायालय में विचाराधीन है। शिकायतकर्ता ने नायब तहसीलदार सचेंडी के न्यायालय में नामांतरण वाद संख्या 434/2013 दाखिल किया है, जो अभी विचाराधीन है। लेकिन बावजूद इसके आलोक दुबे द्वारा राजपति व राजकुमारी से मिलकर पड्यंत्र कर 11 मार्च 2024 को नायाब तहसीलदार बिठूर से राजपति व राजकुमारी के नाम वरासत आदेश करा लिया और 11 मार्च को ही आराजी का बैनामा अपने पक्ष में करा लिया।
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जांच में पाया गया कि राजस्व निरीक्षक आलोक दुबे ने अपने और परिवार के नाम भूमि क्रय-विक्रय के लिए विभागाध्यक्ष से अनुमति नहीं ली। फिलहाल उन्हें तत्काल प्रभाव से सस्पेंड कर दिया गया है। निलंबन के दौरान आलोक दुबे जिला भूलेख कार्यालय से सम्बद्ध रहेंगे।
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