Why does Nandi face towards Shivalinga: जीवन में सभी सुखों की प्राप्ति के लिए विधिपूर्वक व्रत भी करते हैं। धार्मिक मान्यता के अनुसार, सोमवार के दिन इन शुभ कामों को करने से साधक के जीवन में खुशियों का आगमन होता है। साथ ही महादेव की कृपा प्राप्त होती है। Why does Nandi face towards Shivalinga
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शिव जी के दर्शन कर शिवलिंग (Shivalinga) की पूजा करते हैं। शिवलिंग के सामने नंदी विराजमान होते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि शिव मंदिर में शिवलिंग के सामने ही नंदी क्यों विराजमान होते हैं? अगर नहीं पता, तो ऐसे में आइए हम आपको बताएंगे इसकी वजह के बारे में।
पौराणिक कथा के अनुसार…
शिलाद नाम के ऋषि थे। वह महादेव की अधिक तपस्या करते थे, जिसकी वजह से उन्होंने नंदी (nandi ki katha) को पुत्र रूप में प्राप्त किया। एक बार ऐसा समय आया जब शिलाद के आश्रम में दो संतों का आगमन हुआ।
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ऋषि ने उनकी सेवा की। उनके इस काम को देख संत प्रसन्न हुए और ऋषि को लंबी आयु का वरदान दिया, लेकिन उन्होंने नंदी को कोई आशीर्वाद नहीं दिया और उन संतों ने नंदी की आयु कम भविष्यवाणी की। इस बात को जानकर ऋषि शिलाद और नंदी चिंतित हुए। ऐसे में नंदी ने महादेव के कठोर तपस्या की और प्रभु का ध्यान किया। नंदी ने तपस्या कर महादेव को प्रसन्न किया और उन्हें (नंदी को) अपना वाहन बना लिया और नंदी का अभिषेक करवाया। इसके बाद नंदी का मरुतों की पुत्री सुयशा का विवाह हुआ।
महादेव ने दिया वरदान
महादेव ने प्रसन्न होकर नंदी को वरदान दिया कि जिस स्थान पर नंदी का निवास होगा। उसी स्थान के सामने भगवान शिव वास करेंगे। इसी वजह से शिव मंदिर में शिवलिंग के सामने नंदी का विराजमान होते हैं।
धार्मिक मान्यता के अनुसार, भगवान शिव के साथ नंदी की विधिपूर्वक पूजा-अर्चना करने से साधक को शुभ फल की प्राप्ति होती है। साथ ही सभी मनोकामनाएं जल्द पूरी होती हैं।
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अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। JAIHINDTIMES यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है।