Gorakhpur News: गोरखपुर के जंगल कौड़िया स्थित भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) शाखा में लगभग 71 लाख रुपये के गबन का मामला प्रकाश में आया था। Gorakhpur News
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फर्जी तरीके से रुपये दूसरे के खाते में ट्रांसफर
कुछ दिन पहले एक व्यक्ति ने फर्जी तरीके से 3 लाख रुपये दूसरे के खाते में ट्रांसफर करने का मामला उठाया था। जिसके बाद कुछ और ऐसी ही शिकायतें आयीं। एसबीआई के सहायक महाप्रबंधक ने इस मामले में जांच कर 78 पेज की रिपोर्ट विवेचक जंगल कौड़िया के चौकी इंचार्ज को सौंपी तो चौंकाने वाला मामला सामने आया।
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71 लाख 20 हजार रुपये के गबन का मामला
बैंक की इस शाखा से 18 लोगों के नाम से लगभग 71 लाख 20 हजार रुपये के गबन का मामला सामने आया है। भ्रष्टाचार के लिए मिलीभगत ऐसी रही कि 13 ऐसे लोगों के नाम भी शामिल थे, जो अब इस दुनिया में ही नहीं हैं। ये लोग सरकारी कर्मचारी थे और इसी बैंक में उनका पेंशन खाता था। अब पुलिस मामले में आगे की कार्रवाई करेगी।
लोन पास कराकर निकाल लेते थे पैसे
बैंक के कुछ कर्मियों को जल्दी पैसे कमाने की लत लग गई। इसके लिए उन्होंने गलत रास्ता अपनाने से भी गुरेज नहीं किया। वे अलग-अलग खातों पर लोन करा लेते थे। ऐसे लोगों की पहचान की जाती थी जो मृत हो चुके हों या बैंक से अधिक मतलब नहीं रखते हों। इन खातों में लोन का पैसा आने के बाद जालसाज निकाल लेते थे।
जंगल कौड़िया के राजू सिंह ने की थी शिकायत
जंगल कौड़िया शाखा के खाता धारक राजू ने SBI के क्षेत्रीय कार्यालय में 4 जनवरी 2024 को शिकायत की। उन्होंने बताया कि उनके खाते से फर्जी तरीके से 3 लाख रुपये वहीं के कैंटीन ब्वाय पंकज मणि त्रिपाठी के खाते में ट्रांसफर कर दिए गए। इस शिकायत के बाद कई और शिकायत आयी तो क्षेत्रीय कार्यालय ने एक अधिकारी के नेतृत्व में टीम नियुक्त कर जांच कराई।
जांच में यह आया सामने
जांच में यह बात सामने आयी कि शाखा प्रबंधक भास्कर भूषण, अकाउंटेंट अमरेंद्र कुमार सिंह व कैंटीन ब्वाय पंकज मणि त्रिपाठी ने फर्जी दस्तावेजों के आधार पर पेंशन खाताधारकों, किसान क्रेडिट कार्ड खाताधारकों व अन्य खाताधारकों के खातों से रुपयों की जालसाजी की है। पुलिस ने तीनों पर केस दर्ज कर लिया। अमरेंद्र को गिरफ्तार किर जेल भेज दिया गया था जबकि पंकज ने सरेंडर कर दिया था। प्रबंधक को सस्पेंड कर दिया गया था।
कैंटीन ब्वाय को बनाया मुख्य आरोपी
निलंबन के बाद विभागीय जांच शुरू कराई गई। इसमें कैंटीन ब्वाय को मुख्य आरोपी बनाया गया। जांच में यह बात सामने आयी कि कूटरचित दस्तावेज तैयार कर फर्जी तरीके से लोन करा लिया गया। कैंअीन ब्वाय की उम्र 20 साल है। वह जंगल कौड़िया क्षेत्र के बलुवा गांव का निवासी है। कैंटीन में कार्यरत होने से उसकी बैंक में अच्छी जान-पहचान हो गई। उसने क्षेत्र के सेवानिवृत्त लोगों की पहचान शुरू की। उसके बाद मर चुके लोगों के नाम से लोन पास कराने लगा।
78 पेजों की है जांच रिपोर्ट
जांच अधिकारी सहायक महाप्रबंधक सुरेश कुमार (Inquiry Officer Assistant General Manager Suresh Kumar) ने गुरुवार को जंगल कौड़िया चौकी (Jungle Kauria Chowki) पर 78 पेज की रिपोर्ट चौकी इंचार्ज को दी। उन्होंने बताया कि 71 लाख 20 हजार रुपये का गबन पाया गया है। मृत लोगों के अलावा 3 केसीसी धारकों के नाम से भी फर्जी लोन हुआ। पशु लोन लेने वालों को भी निशाना बनाया गया।
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