न्यूज एजेंसी रायटर के दो पत्रकारों को म्यांमार में सात साल की सजा सुनाई गई है. दोनों को रोहिंग्या पर रिपोर्टिंग के दौरान गोपनीयता भंग करने का आरोप है. बता दें कि मामले को प्रेस की आजादी पर हमला करार दिया गया है. वहीं, दोनों पत्रकारों ने खुद पर लगे आरोपों को नकारते हुए कहा है कि वे सितंबर में रखाइन गांव में 10 मुस्लिम रोहिंरग्या की हत्या के मामले का पर्दाफाश करने की कोशिश कर रहे थे.
मामले की सुनवाई कर रहे जज ये लवीन ने अदालत में अपने दिए फैसले में कहा, ‘चूंकि उन्होंने गोपनीयता कानून के तहत अपराध किया है, दोनों को सात-सात साल जेल की सजा सुनाई जा रही है.’
पेशे से पत्रकार म्यांमार के नागरिक वा लोन(32) ओर क्याव सो ऊ (28) को दिसंबर में गिरफ्तार किया गया था. तबसे ही दोनों को यंगून की इनसीन जेल में रखा गया था.
ये कार्रवाई ऑफिशियल सीक्रेट एक्ट का उल्लंघन करने के तहत की गई है. ब्रिटिश औपनिवेशिक काल के इस एक्ट में अधिकतम 14 साल की सजा का प्रावधान है.
ये मामला पिछले साल मुस्लिम अल्पसंख्यक रोहिंग्या पर रखाइन राज्य में म्यांमार सिक्योरिटी फोर्स द्वारा की गई कार्रवाई के बाद की गई रिपोर्टिंग से दुनिया के सामने आया था.
गौरतलब है कि शनिवार को ही 100 से ज्यादा पत्रकारों और कार्यकर्ताओं ने यंगून में आरोपी पत्रकारों के समर्थन में मार्च निकाला था.