भागवत के ‘शेर-कुत्ते’ वाले बयान पर मचा बवाल
अमेरिका में विश्व हिन्दू कांग्रेस में संघ प्रमुख #MohanBhagwat के शेर और कुत्ते वाले बयान पर बवाल मच गया है. AIMIM के प्रमुखअसदुद्दीन ओवैसी और भारिप बहुजन महासंघ के नेता प्रकाश आंबेडकर ने भागवत के इस बयान पर कड़ी आपत्ति जताई है.
नहीं बदली संघ की भाषा
ओवैसी और आंबेडकर ने आरोप लगाया है कि भागवत के इस बयान में शेर का आशय संघ और कुत्ते का विपक्षी पार्टियों से है. ओवैसी ने कहा कि भारत के संविधान में सभी को इंसान के रूप में बताया गया है. इसमें किसी को भी शेर या कुत्ते के रूप में नहीं कहा गया है. संघ के साथ यही दिक्कत है. संघ भारत के संविधान को नहीं मानता. संघ की विचारधारा ही ऐसी है. इसमें वे खुद को शेर और बाकी सभी को कुत्ता समझते हैं. वे खुद को शक्तिशाली और दूसरों को कमजोर समझते हैं. लेकिन हमारे संविधान में सभी को बराबर समझा गया है.
संघ ऐसी ही भाषा बोल रही
ओवैसी ने कहा कि वे भागवत के इस बयान से जरा भी नहीं चौंके हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि कहा कि आरएसएस पिछले 90 साल से इसी भाषा का इस्तेमाल करती आ रही है. देश की जनता उन्हें इसका जवाब देगी.
क्या कहा था भागवत ने…
भागवत ने शुक्रवार को अपने संबोधन में कहा था कि हिंदुओं को प्रभुत्व की कोई आकांक्षा नहीं है और समुदाय तभी समृद्ध होगा जब वह एक समाज के रूप में काम करेगा. उन्होंने कहा था कि ‘अगर एक शेर अकेला है तो जंगली कुत्ते आक्रमण करके शेर को खत्म कर सकते हैं. हमें यह नहीं भूलना चाहिए.’ भागवत ने कहा कि हम दुनिया को बेहतर बनाना चाहते हैं. हमें प्रभुत्व की कोई आकांक्षा नहीं है. हमारा प्रभाव विजय अथवा औपनिवेशीकरण का परिणाम नहीं है.