#BANK : ATM कार्ड से लेन-देन तक, आपके लिए बदलेंगी ये चीजें….
पिछले साल जब भारतीय स्टेट बैंक और इसके 5 एसोसिएट #BANK का विलय हुआ, तो सोशल मीडिया पर एक मैसेज काफी वायरल हुआ था. इस मैसेज में कहा गया कि बैंकों का मर्जर होने की वजह से आपका पैसा सुरक्षित नहीं रहेगा. इसलिए आपको अपने पैसे विद्ड्रॉ कर लेने चाहिए.
सोमवार को केंद्र सरकार ने तीन बैंकों के विलय की घोषणा की है. सरकार के मुताबिक विजया बैंक, देना बैंक और बैंक ऑफ बड़ोदा का विलय किया जाएगा. इन तीनों बैंकों का विलय कब होगा, ये अभी तय नहीं है.
फिलहाल मर्जर होने के बाद नये बैंक का क्या नाम होगा? इसको लेकर फिलहाल कुछ तय नहीं किया गयाा है. लेकिन जब ये होगा तो इन बैंकों के ग्राहकों के लिए कई चीजें बदलेंगी.
आगे जानें क्या…
बैंक में डिपोजिट
पहले तो ये जान लीजिए कि बैंकों के मर्जर का इन तीनों बैंकों में से किसी में भी जमा राशि पर कोई असर नहीं पड़ेगा. कॉरपोरेट स्तर पर बैंकों के मर्जर की बात करें तो यह बैंकों की बैलेंस शीट, कस्टमर और कस्टमर डेटाबेस का मर्जर होता है. लेकिन इसका आपकी जमा राशि पर कोई असर नहीं पड़ता है. मर्जर के बाद जो भी नया बैंक बनेगा. उसमें आपका खाता आ जाएगा. आपके लिए सिर्फ मर्जर के बाद थोड़ा पेपरवर्क बढ़ने की संभावना रहती है.
चेक बुक
इन तीनों बैंकों के मर्जर के बाद आपको नई चेक बुक लेनी पड़ेगी. दरअसल नया बैंक तैयार होने के बाद धीरे-धीरे इन बैंकों की चेक बुक को काम में लाना बंद कर दिया जाएगा. हालांकि आपको पुरानी चेक बुक बदलने के लिए पूरा समय मिलता है.
एटीएम कार्ड
आपको अपना एटीएम कम डेबिट कार्ड भी बदलना पड़ता है. लेकिन जैसे चेक बुक बदलने के लिए आपको समय दिया जाता है. वैसे ही आपको एटीएम कार्ड बदलने के लिए समय मिलेगा.
ऐप को लेकर सावधान
इसी बीच, एक चीज यह भी जान लें कि बैंक अकाउंट लिंक करने के लिए सिर्फ अपने बैंक की आधिकारिक ऐप का ही इस्तेमाल करें. अन्य ऐप को इस्तेमाल करने से आपकी बैंकिंग डिटेल्स के चोरी होने की आशंका रहती है. (सभी फोटो प्रतीकात्म)
इंटरनेट बैंकिंग
मर्जर के बाद इसमें शामिल आपके बैंक का इंटरनेट बैंकिंग पोर्टल द हो सकता है. हालांकि आपको नये बैंक के पोर्टल पर लॉग इन करने का विकल्प दिया जाएगा. इसके लिए जब तक आपको नया यूजर आईडी और पासवर्ड नहीं दिया जाता है, तब तक पुराना ही यूजर नेम और पासवर्ड यूज कर पाएंगे.
बैंक ब्रांच
आईएफएससी कोड के साथ ही आपकी ब्रांच भी बदल सकती है. दरअसल मर्जर के होने से अगर किसी एक ही इलाके में मर्जर में शामिल दो बैंकों की अलग-अलग ब्रांच हैं. तो ऐसे में एक ब्रांच को बंद किया जा सकता है. ऐसे किसी भी बदलाव की जानकारी आपको दी जाएगी.
IFSC कोड
मर्जर के चलते आपके बैंक का आईएफएससी कोड और एमआईसीआर कोड बदल जाएगा. हालांकि ये काम मर्जर के तुरंत बाद नहीं होता है. जब ये काम होता है, तो इसकी जानकारी ग्राहकों को दी जाती है.