#BEAUTY : ब्लीच करते समय इन बातों का रखेंगे ध्यान तो मिलेगा दोगुना निखार
#BEAUTY : बेदाग और गोरी स्किन की चाहत तो हर किसी की होती है। अपनी इस चाहत को पूरा करने के लिए महिलाएं ब्लीचिंग का सहारा लेती हैं। यदि चेहरे पर दाग धब्बे हों या फिर चेहरा बेनूर हो तो घबराएं नहीं।
ग्लोइंग और बेदाग
ब्लीच से आप अपने चेहरे को ग्लोइंग और बेदाग बनाए रख सकती हैं।चेहरे को ब्लीच करने से न केवल महिलाओं का व्यक्तित्व निखरता है बल्कि आत्मविश्वास भी बढ़ता है। परंतु इसे सही ढंग से करना भी एक कला है। आपको अपनी स्किन का टाइप पता होना चाहिए। नॉर्मल स्किन पर हर्बल ब्लीच तथा ड्राई एंव बेजान स्किन पर ऑक्सी ब्लीच सही रहती है।
ब्लीचिंग है जरूरी
ब्लीचिंग से फेयरनैस मिलने के अलावा त्वचा को सनटैन से भी छुटकारा मिलता है। त्वचा रोजाना धूप, प्रदूषण का सामना करती है। ऐसे में स्किन पर धूल-मिट्टी के जमने से त्वचा का रंग बदलने लगता है। इसके साथ ही मृत कोशिकाओं का जमाव भी होने लगता है। ब्लीच धूल-मिट्टी के कारण बंद रोमछिद्रों खोलने का काम करकी है। इसके साथ ही वह मृत कोशिकाओं को भी हटाती है।
इन बातों का रखें ध्यान
- ब्लीच मिक्सचर को अच्छी तरह मिक्स करें और इसे तुरंत लगा लें क्योंकि उसे ज्यादा देर तक रखने से उसमें उपस्थित ऑक्सीजन पहले ही निकल जाती है।
- मिक्सचर बनाते समय कभी भी धातु की डिश या चम्मच का इस्तेमाल न करें।
- एक्टीवेटर पाउडर का इस्तेमाल निर्देशानुसार करें। इसके ज्यादा इस्तेमाल से त्वचा पर बुरा असर पड़ सकता है।
- यदि स्किन पर ब्लीचिंग के बाद कहीं-कहीं सफेद पैच दिख रहे हों तो इसका मतलब है कि वहां ब्लीचिंग ज्यादा हो गई है।
- ब्लीच क्रीम को आंखों और उनके आस-पास के हिस्सों पर न लगाएं। आंखों के चारों ओर दिखने वाले डार्क सर्कल्स को कम करने के लिए कभी ब्लीच का सहारा न लें। अगर ब्लीचिंग के बाद फेशियल किया जाए तो बेहतर होगा।
- ब्लीचिंग से पहले त्वचा को क्लींजर से अवश्य साफ करें।
- ब्लीचिंग शुरू करने से पहले प्री ब्लीच क्रीम से स्किन पर मसाज करना बेहद आवश्यक है क्योंकि इससे स्किन को सुरक्षा मिलती है।
- किसी भी ब्लीचिंग क्रीम के इस्तेमाल से पहले निर्देश जरूर पढ़ लें।
- गर्म पानी से नहाने के तुरंत बाद कभी ब्लीचिंग न करें।
- यदि चेहरे पर मुहांसे हों तो ब्लीच न कराएं क्योंकि इससे वे फैल सकते हैं।
नियमित ब्लीच करने से स्किन का कांप्लैक्शन बेहतर होता है।
युवतियों को प्रदूषण और धूल मिट्टी से बचने के लिए ब्लीचिंग की जरूरत होती है।