#SupremeCourt का बड़ा फैसला
#SupremeCourt : दागी नेताओं के चुनावी भविष्य पर सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को बड़ा फैसला सुनाते हुए कहा कि चार्जशीट के आधार पर जनप्रतिनिधियों पर कार्रवाई नहीं की जा सकती है. चुनाव लड़ने से रोकने के लिए सिर्फ चार्जशीट ही काफी नहीं है. यानी सुप्रीम कोर्ट ने दागी नेताओं के चुनाव लड़ने पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है.
चार्जशीटेड नेताओं के चुनाव लड़ने पर रोक नहीं
- सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि आम जनता को अपने नेताओं के बारे में पूरी जानकारी होना जरूरी है.
- कोर्ट ने कहा है कि हर नेता को अपने आपराधिक रिकॉर्ड की जानकारी चुनाव लड़ने से पहले चुनाव आयोग को देनी चाहिए.
- कोर्ट ने कहा है कि इस मसले संसद को कानून बनाना चाहिए. इसके अलावा सभी पार्टियों को अपने उम्मीदवारों की जानकारी अपनी वेबसाइट पर डालनी होंगी.
- वहीं सभी उम्मीदवारों को चुनाव लड़ने से पहले तीन बार प्रिंट मीडिया और एक बार इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में अपने रिकॉर्ड की विस्तृत जानकारी देनी होगी.
बरी हो जाते हैं आरोपी नेता
इस याचिका की सुनवाई पांच जजों की पीठ कर रही थी. इस पीठ में चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा, जस्टिस आरएफ नरिमन, जस्टिस एम खानविलकर, जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस इंदु मल्होत्रा शामिल हैं. बता दें कि अगस्त में सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था.पिछली सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार ने अपनी दलील में कहा था कि ज्यादातर मामलों में आरोपी नेता बरी हो जाते हैं, इसलिए सदस्यता रद्द करने जैसा कोई आदेश न दिया जाए.