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#आधार पर #SupremeCourt का बड़ा फैसला
आधार कार्ड की अनिवार्यता मामले में #SupremeCourt ने बुधवार को अपना फैसला सुना दिया है। चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा अपने रिटायरमेंट से पहले कई मामलों पर फैसला सुना रहे हैं जिसमें आधार मामला मुख्य है। सरकारी नौकरी में प्रमोशन में आरक्षण पर फैसला सुनाने के बाद कोर्ट ने आधार कार्ड को लेकर भी अपना फैसला सुना दिया है। चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा की अगुवाई में पांच जजों की बेंच द्वारा लिए गए मुख्य फैसले इस प्रकार है।
कहां जरुरी नहीं आधार
- बैंक में खाता खोलन के लिए आधार जरूरी नहीं
- नया मोबाइल नंबर लेने के लिए आधार जरूरी नहीं
- UGC, CBSE आधार को जरूरी नहीं कर सकते
- 6 से 14 साल के बच्चे के दाखिले में आधार जरूरी नहीं
- निजी कंपनियां नहीं कर सकतीं आधार कार्ड की मांग
कहां जरूरी है आधार
- आयकर दाखिल करने और PAN के लिए आधार जरूरी
- सरकार की लाभकारी योजना और सब्सिडी का लाभ पाने के लिए आधार कार्ड जरूरी
- पहचान पत्र के तौर पर मान्य होगा आधार कार्ड
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बायोमेट्रिक की सुरक्षा के पुख्ता उपायः जस्टिस सीकरी
- फैसला पढ़ते हुए जस्टिस एके सीकरी ने कहा कि ने आधार ने समाज के वंचित तबकों को सशक्त किया है और उन्हें एक पहचान दी है।
- पीठ ने कहा कि किसी जानकारी का जारी होने क्या राष्ट्रहित में है? ये उच्च स्तर पर तय हो।
- फैसला लेने में हाई कोर्ट जज की भी भूमिका हो आधार एक हद तक निजता में दखल है लेकिन ज़रूरत को देखना होगा।
- पीठ ने कहा कि हमें लगता है बायोमेट्रिक की सुरक्षा के पुख्ता उपाय हैं। किसी व्यक्ति का डेटा रिलीज़ करने से पहले उसे जानकारी दी जाए।
- न्यायमूर्ति सीकरी ने कहा कि आधार योजना के सत्यापन के लिए पर्याप्त रक्षा प्रणाली है। जितनी जल्दी संभव हो आंकड़ों की सुरक्षा के लिए मजबूत तंत्र बनाया जाए।
- पीठ ने निजी कंपनियों को आधार के आंकड़े एकत्र करने की अनुमति देने वाले आधार कानून के प्रावधान 57 को रद्द कर दिया है।
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