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विधि
27 अक्टूबर को है सुहागिनों का त्योहार. इस दिन सभी विवाहित महिलाएं निर्जला व्रत रखकर अपने पति की लंबी उम्र और सौभाग्य की कामना करती हैं.
- सोलह श्रृंगार करती हैं. इस दिन सूर्योदय से पहले सास अपनी बहू को सरगी देती हैं.
- शाम को चंद्र उदय के बाद चंद्रमा की पूजा की जाती है.
- पहले चांद को छ्न्नी में से देखा जाता है और फिर पति को देखकर उनकी आरती की जाती है.
पति के हाथों जल पीकर व्रत खोला जाता है.
क्या होती है सरगी
- सरगी करवा चौथ के दिन दिया जाने वाला मुख्य भोजन होता है.
- सूर्योदय से पहले यानी लगभग 4-5 बजे सास अपनी बहू को सरगी देती हैं.
- सरगी के साथ ही सास अपनी बहू भरपूर आशीर्वाद भी देती है जिससे बहू अपना ये व्रत अच्छे से पूरा कर सके.
- इसके बाद पूरे दिन निर्जला व्रत रखा जाता है और चंद्र उदय के बाद चंद्रमा की पूजा कर इसका समापन किया जाता है.
क्या होता है सरगी में शामिल
सरगी की थाली में मिठाई, मठरी, फल, ड्राई फ्रूट्स, पूरी, कपड़े, गहने, सेवईं रखे जाते हैं. इन सभी चीजो को थाली में रखने का अपना-अपना महत्व होता है.
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