#KarwaChauth : इस साल बन रहे हैं ये अद्भुत संयोग, ऐसे करें पूजा
#KarwaChauth : कार्तिक कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को मनाया जाने वाला करवा चौथ व्रत सुहागिन महिलाओं के लिए खास होता है. पति और पत्नी का रिश्ता सबसे बड़ा और पवित्र रिश्ता माना जाता है और इसी रिश्ते को मजबूत करने के लिए ही करवा चौथ का त्यौहार मनाया जाता है. करवा चौथ में महिलाएं पति की लंबी आयु और उनकी मंगलकामना के लिए इस व्रत को रखती हैं.
इस बार करवा चौथ पर वर्षों बाद एक साथ कई शुभ संयोग बन रहे हैं. इस बार 11 साल बाद करवा चौथ पर राजयोग बन रहा है. इसके साथ ही सर्वार्थसिद्धि और अमृत सिद्धि योग भी बन रहे हैं. तीन एक साथ शुभ योगों के होने के कारण इस बार करवा चौथ की पूजा अत्यंत ही शुभ मुहूर्त में होगी. इससे पहले 2007 में करवा चौथ पर राजयोग बना था.
करवा चौथ के दिन पूर्ण विधि विधान के साथ गणपति जी की आराधना भी जरूर करनी चाहिए. गणेश जी की आराधना से जीवन से विघ्न और संकट दूर होते हैं, पति पत्नी के बीच प्रेम बना रहता है.
इन उपायों के करने से बाधाएं दूर होंगी…
कार्यों में बाधाएं आती हों, तो करवा चौथ के दिन गणेश जी को हल्दी की पांच गांठें ‘ॐ श्री गणधिपतये नमः; बोलते हुए अर्पित करें. इस दिन ऐसा करने से कार्यों में सफलता मिलती है, नौकरी, व्यापार में श्रेष्ठ लाभ मिलने के योग बनते हैं.
आर्थिक पक्ष मजबूत करने के लिए करवा चौथ के दिन श्री गणेश जी को घी-गुड़ का भोग लगाकर उनसे आर्थिक विघ्नों को दूर करने के लिए प्रार्थना करें, पूजा के बाद वो घी और गुड़ किसी गाय को खिला दे ऐसा करने से धन सम्बंधी समस्याएं दूर होने लगती हैं.
इस दिन विघ्नहर्ता को 21 मोदक बनाकर दूर्वा के साथ चढ़ाएं. ऐसा करने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती है, घर परिवार में प्रेम और सहयोग का वातावरण बना रहता है.
करवा चौथ के दिन रात्रि में चंद्रमा को अर्घय देने वाले जल में गुलाब की कुछ पंखुड़ियां भी अवश्य ही डालें, इससे शुक्र देव प्रसन्न होते है, पति-पत्नी के बीच में प्रेम बढ़ता है, दाम्पत्य जीवन सुखमय होता है.
करवा चौथ के दिन पति को अपनी पत्नी को कुछ ना कुछ उपहार अवश्य ही देना चाहिए, इससे दाम्पत्य जीवन में प्रेम प्रगाढ़ बना रहता है.
अगर आपको लगता है कि आपका जीवन साथी आप से प्रेम या सम्मान नहीं करता है या फिर किसी और की तरफ आकर्षित है, तो एक पीपल के सूखे पत्ते या भोजपत्र पर ‘उसका’ नाम लिखें. इसके बाद थाली में इस पत्र पर तीन कपूर रख कर जला दें और ईश्वर से प्रार्थना करें.