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#HighCourt : घरेलू हिंसा विरोधी कानून पतियों और उनके परिवार को…
घरेलू हिंसा विरोधी कानून पतियों और उनके परिवार को आतंकित करने का बन रहा है माध्यम : हाईकोर्ट
घरेलूहिंसा मामले में नंदोई को जारी समन आदेश और कार्रवाई हाईकोर्ट ने की खारिज
चंडीगढ़
#HighCourt : घरेलू हिंसा रोकने के लिए पत्नियों के हक में बनाए गए कानून का इस्तेमाल पतियों और उनके परिवार वालों व रिश्तेदारों को आतंकित करने के लिए किया जा रहा है। इस टिप्पणी के साथ ही शिकायतकर्ता महिला के नंदोई को जारी समन आदेश और उनके खिलाफ कार्रवाई पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने खारिज कर दी।
आतंकित करने के लिए किया जा रहा इस्तेमाल
- याचिका दाखिल करते हुए गौरव ने कहा था कि उसका विवाह शिकायतकर्ता की ननद के साथ २०१५ में हुआ था। विवाद के बाद याची की पत्नी आस्ट्रेलिया चली गई थी और याची ने अमृतसर में मकान ले लिया था।
- शिकायतकर्ता ने अपने पति सुनील धामी, सास रेशम कौर, ननद अमनदीप और ननदोई गौरव के खिलाफ घरेलू हिंसा का केस दाखिल कर दिया।
- याची ने कहा कि जब वह अपनी पत्नी के मायके में उसके साथ नहंी रहता तो कैसे उनके द्वारा दहेज मांगने के आरोप में याची को शामिल किया जा सकता है। साथ ही याची ने कहा कि उसकी पत्नी आस्ट्रेलिया में है और उसे भी इस केस में शामिल कर दिया गया है।
- हाईकोर्ट ने याचिका पर अपना फैसला सुनाते हुए कहा कि घरेलू हिंसा केस में उन लोगों को शामिल किया जा सकता है जो उस घर में रह रहे हों। जब परिवार को कोई सदस्य अलग घर लेकर रह रहा है तो वह रिश्तेदार की श्रेणी में आ जाता है।
- इस मामले में भी ननदोई अलग रहा रहा था तो ऐसे में वह इस केस में कवर नहीं होता। यह महिला द्वारा दबाव बनाने का तरीका है और पूरी तरह से कानूनी प्रक्रिया का दुरूपयोग।
- मैजिस्टे्रट ने भी सम्मन आदेश जारी करते हुए इस बात पर गौर नहीं किया।
- कोर्ट ने कहा कि घरेलू हिंसा रोकने के लिए बनाया गया कानून अब पतियों और उनके रिश्तेदारों को आतंकित करने केलिए पत्नियों के लिए माध्यम बन रहा है।
- इस टिप्पणी के साथ ही हाईकोर्ट ने ननदोई के खिलाफ समन आदेश और कार्रवई को खारिज कर दिया।
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