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#HighCourt : बिजली घोटाले की सीबीआई जांच पर जवाब दे हरियाणा सरकार
देश के सबसे बड़े 21 हजार करोड़ के बिजली घोटाले की सीबीआई जांच पर जवाब दे हरियाणा सरकार: हाईकोर्ट
जनहित याचिका दाखिल करते हुए मामले की सीबीआई जांच की अपील
4.6 रुपए में बिजली खरीद 88 पैसे में बेच रही हरियाणा सरकार
बिना नियमों का पालन किए निजी कंपनियों से खरीदी जा रही बिजली
JAIHINDTIMES
चंडीगढ़
#HighCourt : बाजार में ढाई से तीन रुपए में बिजली उपलब्ध करवाने वाली कंपनियों से हरियाणा 4.6 रुपए में बिजली खरीद रहा है। इसे देश का सबसे बड़ा बिजली घोटाला जो करीब 21 हजार करोड़ का है बताते हुए इसकी सीबीआई जांच की अपील की गई है। याचिका पर पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने हरियाणा सरकार से जवाब तलब कर लिया है।
सीबीआई जांच की अपील
सिरसा निवासी एडवोकेट सुनील कुमार नेहरा ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल करते हुए बताया कि 2004 मेंं हरियाणा इलेक्ट्रिसिटी रेगुलेटरी कमिशन का गठन किया गया था। 28 जनवरी 2016 को भारत सरकार टैरिफ पॉलिसी लेकर आई थी और मार्च में भारत सरकार, हरियाणा सरकार और उत्तर व दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम के बीच समझौता हुआ था। इसके तहत कुल घाटे का 75 प्रतिशत भार हरियाणा सरकार ने झेला था। ऐसे में घाटे की 25950 करोड़ की राशि का भुगतान हरियाणा सरकार ने किया। ऐसे में प्रदेश के लोगों की जेब से इसकी भरपाई हुई जो पूरी तरह से गलत है। इस दौरान यह भी स्पष्टï किया गया था कि जो भी बिजली की खरीद होगी व बोली के माध्यम से पारदर्शी तरीके से होगी। इसकी निगरानी की जिम्मेदारी मुख्य सचिव को सौंपी गई थी। याची ने कहा कि इस सब के बावजूद बिना किसी बिडिंग के और बिना पारदर्शिता बरते तीन निजी कंपनियों को बिजली सप्लाई का काम सौंप दिया गया। यह कंपनियां बाजार में जिस भाव से बिजली बेच रही थी उससे कहींं अधिक में पावर परचेज एग्रीमेंट बनाया गया। ऐसे में याची ने हरियाणा इलेक्ट्रिसिटी रेगुलेटरी कमिशन के चेयरमैन और सदस्यों को हटाने तथा केस की जांच को सीबीआई को सौंपने की अपील की है।
ऐसे हुई बिक्री
याचिका में बताया गया कि गत वर्ष 3596.48 लाख यूनिट 88 पैसे प्रति यूनिट, 343 लाख यूनिट 1.51 रुपए प्रति यूनिट तथा 6873 लाख यूनिट को 1.91 रुपए में बेचा गया। बावजूद इसके आंकड़ों में फेरबदल कर डिमांड सप्लाई का खेल खेला गया और डिमांड दिखाते हुए बिजली कंपनियों से पावर परचेज एग्रीमेंट साईन कर लिया।
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