#FSSAI का फल व्यापारियों को निर्देश…
#FSSAI : फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड अथारिटी ऑफ इंडिया ने स्टिकर लगे फलों को स्वास्थ्य के लिए नुकसानदेह बताया है। अथारिटी ने फल विक्रेताओं को कहा है कि वह फलों के ऊपर स्टिकर चिपकाने से परहेज करें क्योंकि स्टिकर पर लगे कैमिकल की वजह से फल दूषित हो सकता है। खाद्य नियमों को जारी करने वाली इस संस्था ने कहा कि स्टिकर चिपकाने के लिए जिस गोंद का इस्तेमाल होता है उसके सुरक्षित होने की अभी जानकारी नहीं है ऐसे में फल विक्रेताओं को सलाह दी जाती है कि वह फलों पर स्टिकर चिपकाने से परहेज करें।
स्टिकर के गोंद में हो सकते हैंं खतरनाक कैमिकल
- FSSAI ने यह भी कहा है कि देश में व्यापारी कई बार स्टिकरों का इस्तेमाल उत्पाद को प्रीमियम दर्जे का दिखाने में करते हैं, कई बार तो उत्पाद की खामियों को छुपाने के लिए भी स्टिकर का इस्तेमाल पाया गया है।
- एफ.एस.एस.ए.आई. ने कहा है कि स्टिकर के गोंद में खतरनाक कैमिकल हो सकते हैं जो मानव सेहत को प्रभावित कर सकते हैं।
एफ.एस.एस.ए.आई. ने फल व्यापारियों को फलों पर स्टिकर लगाने से बचने की सलाह दी है और अगर स्टिकर लगाना जरूरी भी है तो व्यापारी इस बात का ध्यान रखे कि स्टिकर के गोंद से मानव सेहत पर किसी तरह का असर नहीं पड़े।
इसलिए लगाए जाते हैं फलों पर स्टिकर
- अथारिटी ने कहा है कि विदेशों में फलों पर स्टिकर का इस्तेमाल इसलिए होता है ताकि उस स्टिकर पर दी गई जानकारी या कोड के जरिए फल के बारे में पूरी जानकारी हासिल की जा सके लेकिन भारत में व्यापारी फल के ऊपर स्टिकर का इस्तेमाल उसे प्रीमियम दिखाने या कई बार खामियां छुपाने में करते हैं।
- भारत में फलों पर जो स्टिकर चिपके होते हैं उन पर व्यापारी के ब्रांड का नाम, ओके टेस्टेड, बेस्ट क्वॉलिटी या फल का नाम लिखा होता है।
- इस तरह की जानकारी को दिए जाने की जरूरत नहीं है।
FSSAI ने उपभोक्ताओं को दिए निर्देश
FSSAI ने उपभोक्ताओं को निर्देश दिया है कि वह ऐसा नहीं समझें कि जिन फलों पर स्टिकर चिपके हुए हैं वह प्रीमियम क्वॉलिटी के हैं, फल को खाने से पहले स्टिकर को हटाने के लिए कहा गया है और साथ में यह भी कहा गया है फल के जिस भाग पर स्टिकर चिपका हुआ था उसे छिल दें या काट दें।