होगा लाभ ही लाभ , #Dhanteras पर हनुमान जयंती
#Dhanteras : धनतेरस 5 नवंबर सोमवार को मनाई जायेगी. धनतेरस को बहुत अच्छा संयोग बना है. सोमवार को सोम प्रदोष पूजा और मासिक शिवरात्रि भी है. हनुमान जयंती भी मनेगी. धन्वंतरि जयंती भी है और चन्द्रमा का हस्त भी नक्षत्र है जिसकी शुभ धातु चांदी मानी गई है. इस बार चांदी के बर्तन, चांदी के गणेश लक्ष्मी खरीदेंगे जो की बहुत शुभ होगा और बरकत देने वाला होगा. शाम को लक्ष्मी नारायण की पूजा होगी.
उसके बाद अनाज, वस्त्र, औषधि, दान करेंगे. शाम को मुख्य द्वार पर यमराज के लिए एक बड़ा दीपक जलाएंगे जिस से अकाल मृत्यु का भय खत्म हो जायेगा.
धनतेरस को सुख समृद्धि के लिए क्या खरीदारी करें
दोपहर को बर्तन, आभूषण, धनिया, गणेश लक्ष्मी जी, चांदी का सिक्का खरीदें
इसके अलावा वाहन, भूमि-भवन, इलेक्ट्रॉनिक आइटम, वस्त्र और किचेन या घरेलु सामान खरीद सकते हैं. इससे अकूत धन लाभ होगा.
चांदी के बर्तन खाली ना लाएं
गुड़ अनाज मिठाई या मेवे भरकर लाएं
घर लाकर सामान पर गंगा जल छिड़कें
रोली लगाएं और कलावा बाँध दें
दिवाली पूजा में इनको पास रखें
धनतेरस पर खरीदारी करने का मुहूर्त
दोपहर 12.00 से 1.30 बजे
शाम 04.30 बजे से शाम 07. 30 तक
रात को हनुमान जयंती होगी
- पवित्र कार्तिक मास का सोमवार है. कार्तिक कृष्ण त्रयोदशी है, हनुमान जयंती मनाएंगे. कार्तिक चतुर्दशी को ही आधी रात को हनुमान जी का जन्म हुआ था.
- सोमवार को त्रयोदशी तिथि रात 11 .47 बजे खत्म होगी. आधी रात के बाद कार्तिक चतुर्दशी का पवित्र दिवस है.
हनुमान जी का शिव जी के रूद्र अवतार के रूप में जन्म हुआ था. सोम प्रदोष तब होता है, जब सोमवार को त्रयोदशी तिथि पड़ती है. त्रयोदशी के स्वामी शिव जी होते हैं.
दो तिथियों में मनाया जाता है
हनुमान जी का जन्म साल भर में दो तिथियों में मनाया जाता है. पहला चैत्र माह की पूर्णिमा को तो दूसरी तिथि कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को मनाया जाता है.
- एक तिथि को जन्मदिवस के रूप में तो दूसरी को विजय अभिनन्दन महोत्सव के रूप में मनाया जाता है. उनकी जयंती को लेकर दो कथाएं भी प्रचलित है.
- ऐसी मान्यता है जब हनुमान जी माता अंजनि के पेट से पैदा हुए. जब बचपन में हनुमान जी को जोर की भूख लग गई थी. तब उन्होंने सूर्य को फल समझ कर खाने के लिए दौड़े थे. इस
- लिए 15 दिन के पखवारे को हनुमान उत्सव के रूप में मनाएंगे तो आपकी हर मनोकामना पूरी होगी.
- उपाय करके हनुमान उत्सव की शुरुआत कर लो, बड़ी सफलता मिल जायेगी.
त्रयोदशी तिथि को शुभ योग बनता है
नदी तालाब में स्नान कर सकते हैं
गंगा या कोई भी पवित्र नदी में स्नान कर सकते हैं
पानी में गंगा जल डालकर स्नान करना चाहिए
सोमवार और मंगलवार को बहुत बड़ा शुभ मुहूर्त माना जाता है
आप वकील जज डॉक्टर, इंजीनियर या आईएएस बनना चाहते हो
कोई नई पढ़ाई या कॉम्पिटिशन शुरू कर सकते हैं
व्यापार के लिए क़र्ज़ के लिए कोशिश कर सकते हो –
क़र्ज़ से कोई नया बिजनेस शुरू कर सकते हैं
कोई व्यापार शुरू कर सकते हैं
कोई नई नौकरी के लिए अप्लाई कर सकते हैं.
धनतेरस पर उपाय कर लें-
किसी पवित्र नदी तालाब या गंगा जल डालकर स्नान करें
जल देवता यानि वरुण देवता की पूजा करें
पूजा करके शिव जी और हनुमान जी की साथ साथ पूजा करें
शिव जी को तुलसी पत्ते पत्र की माला चढ़ाएं
हनुमान जी को दूर्वा घास की माला और गेंदे फूल चढ़ाएं
दोनों को लड्डू और गुड़ का भोग लगाएं
शाम को यमराज के लिए दीप दान करें ताकि घर में किसी की अकाल मृत्यु ना हो
शाम को दीपदान करना होता है. मुख्य द्वार पर एक तिल के तेल का चारमुखी दीपक जलाएं. पास ही थाली में यमराज के लिए सफ़ेद बर्फी, तिल की रेवड़ी या तिल, मुरमुरे के लडडू, एक केला और एक गिलास जल रख दें. धनतेरस पर दीप जलाने का मुहूर्त शाम 6.30 से 7.30 बजे तक है.