#ChhathPuja : आज दिया जाएगा डूबते सूर्य को अर्घ्य, जानें-पूजा विधि
#ChhathPuja : शुक्ल पक्ष में षष्ठी तिथि को छठ पूजा का विशेष विधान है. इस पूजा की शुरुआत मुख्य रूप से बिहार और झारखंड से हुई है, जो अब देश-विदेश तक फ़ैल चुकी है.
चार दिनों का छठ पर्व सबसे कठिन व्रत होता है. इसलिए इसे छठ महापर्व कहा जाता है. इस व्रत को महिलाएं और पुरुष दोनों कर सकते हैं. इसमें सूर्य की पूजा की जाती है. इस बार रविवार यानी सूर्य के दिन से छठ की शुरुआत हुई है. यह बहुत शुभ संयोग बना है. सूर्य षष्ठी यानी छठ में हर मनोकामना पूरी करेंगे.
छठ पूजा का मुहूर्त (13 नवंबर)
छठ पूजा के दिन सूर्योदय – 06:41
छठ पूजा के दिन सूर्यास्त – 17:28
षष्ठी तिथि आरंभ – 01:50 (13 नवंबर 2018)
षष्ठी तिथि समाप्त – 04:22 (14 नवंबर 2018)
छठ की पूजा विधि क्या है…
- कुल मिलाकर यह पर्व चार दिनों तक चलता है.
- इसकी शुरुआत कार्तिक शुक्ल चतुर्थी से होती है और सप्तमी को अरुण वेला में इस व्रत का समापन होता है.
- कार्तिक शुक्ल चतुर्थी को “नहा-खा” के साथ इस व्रत की शुरुआत होती है. इस दिन से स्वच्छता की स्थिति अच्छी रखी जाती है. इस दिन लौकी और चावल का आहार ग्रहण किया जाता है.
- दूसरे दिन को “लोहंडा-खरना” कहा जाता है. इस दिन उपवास रखकर शाम को खीर का सेवन किया जाता है. खीर गन्ने के रस की बनी होती है. इसमें नमक या चीनी का प्रयोग नहीं होता.
- तीसरे दिन उपवास रखकर डूबते हुए सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है. साथ में विशेष प्रकार का पकवान “ठेकुवा” और मौसमी फल चढाएं. अर्घ्य दूध और जल से दिया जाता है.
- चौथे दिन बिल्कुल उगते हुए सूर्य को अंतिम अर्घ्य दिया जाता है. इसके बाद कच्चे दूध और प्रसाद को खाकर व्रत का समापन किया जाता है.
- इस बार पहला अर्घ्य 13 नवंबर को संध्या काल में दिया जाएगा और अंतिम अर्घ्य 14 नवंबर को अरुणोदय में दिया जाएगा.
दिया जाएगा डूबते सूर्य को अर्घ्य
- सूर्य को अर्घ्य देते वक्त सारा प्रसाद सूप में रखते हैं.
- सूप में ही दीपक जलता है.
- लोटा से सूर्य को दूध गंगाजल और साफ जल से फल प्रसाद के ऊपर चढ़ाते हुए अर्घ्य दिया जाता है.
प्रसाद
- ठेकुआ, मालपुआ, खीर-पूरी, खजूर, सूजी का हलवा, चावल का बना लड्डू, जिसे लडुआ भी कहते हैं आदि प्रसाद के रूप में चढ़ाया जाएगा.
- टोकरी को धोकर उसमें ठेकुआ के अलावा नई फल सब्जियां भी रखी जाती हैं.
- जैसे कि केला, सेब, सिंघाड़ा, मूली,अदरक पत्ते समेत, गन्ना, कच्ची हल्दी, नारियल आदि रखते हैं.