#SupremeCourt फैसलाः किसी राज्य में बैन नहीं होगी ‘Padmavat’
सरकारें संभालें कानून व्यवस्था
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संजय लीला भंसाली की फिल्म ‘Padmavat’ पर चार राज्यों में बैन के खिलाफ #SupremeCourt में बहस हुई. सुप्रीम कोर्ट ने चार राज्यों में बैन को असंवैधानिक करार दे दिया. वरिष्ठ वकील हरीश साल्वे ने निर्माताओं का पक्ष रखा. साल्वे ने कहा, सेंसर बोर्ड की ओर से पूरे देश में फ़िल्म के प्रदर्शन के लिए सर्टिफिकेट मिला है. ऐसे में राज्यों का प्रतिबंध असंवैधानिक है. उसे हटाया जाए.
इस बीच #SupremeCourt के फैसले के तुरंत बाद राजस्थान की वसुंधरा राजे सरकार ने आपात बैठक बुलाई है. जिसमें पद्मावत पर सरकार के अगले कदम पर विचार किया जाएगा.
क्या कहा #SupremeCourt ने
- गुरुवार को चीफ जस्टिस ऑफ़ इंडिया की बेंच ने कहा, राज्यों में क़ानून व्यवस्था बनाना राज्यों की जिम्मेदारी है. यह राज्यों का संवैधानिक दायित्व है. संविधान की आर्टिकल 21 के तहत लोगों को जीवन जीने और स्वतंत्रता के अधिकार का हनन है. बेंच ने राज्यों के नोटिफिकेशन को गलत बताया.
- सुप्रीम कोर्ट ने कहा, इस नोटिफिकेशन से आर्टिकल 21 के तहत मिलने वाले अधिकारों का हनन होता है. यह राज्यों का दायित्व है कि वह क़ानून व्यवस्था बनाए. राज्यों की यह भी जिम्मेदारी है कि फिल्म देखने जाने वाले लोगों को सुरक्षित माहौल मिले. इससे पहले अटार्नी जनरल ने राज्यों का पक्ष रखने के लिए सोमवार का वक्त मांगा.
- लेकिन कोर्ट ने पहले ही फैसला दे दिया. इससे पहले निर्माताओं का पक्ष रखते हुए साल्वे ने कहा, राज्यों का पाबंदी लगाना सिनेमैटोग्राफी एक्ट के तहत संघीय ढांचे को तबाह करना है. राज्यों को इस तरह का कोई हक नहीं है. उन्होंने यह भी कहा कि लॉ एंड आर्डर की आड़ में राजनीतिक नफा नुकसान का खेल हो रहा है.
- बता दें कि वायकॉम 18 ने याचिका दायर कर चार राज्यों के बैन का विरोध किया था. उम्मीद है कि प्रतिबंध लगाने वाले चार राज्य सोमवार को अपना पक्ष रखें.पद्मावत के निर्माता देशभर के सिनेमाघरों में 24 जनवरी को इसका पेड प्रीव्यू रखेंगे.
- ‘पद्मावत’ के डिस्ट्रीब्यूटर्स 24 जनवरी की रात 9.30 बजे स्क्रीन होने वाले शोज का भुगतान करके उसकी जगह ‘पद्मावत’ को स्क्रीन करेंगे. फिल्म एक्सपर्ट की राय में ऐसा करने से ‘पद्मावत’ के मेकर्स को फिल्म को लेकर चल रही अफवाह को गलत साबित करने का मौका मिलेगा. साथ ही, फिल्म देखने के बाद लोगों की पॉजिटिव रिस्पोंस फिल्म के लिए फायदेमंद होगा.
देश के चार राज्यों में बैन है फिल्म
मंगलवार को हरियाणा सरकार ने फिल्म के प्रदर्शन पर रोक लगाने का फैसला लिया. रणवीर, दीपिका, शाहिद कपूर स्टारर ये फिल्म राजपूत समुदाय के विरोध के बाद से ही विवादों में है. हरियाणा से पहले राजस्थान, गुजरात और मध्य प्रदेश की सरकारों ने भी फिल्म के प्रदर्शन पर बैन लगा दिया है.
इन राज्यों में भी बैन पर सस्पेंस
यूपी, गोवा, महाराष्ट्र और उत्तराखंड जैसे बीजेपी शासित अन्य राज्यों में भी फिल्म का प्रदर्शन रोके जाने की आशंका है. गोवा में पुलिस ने सुरक्षा कारणों का हवाला देते हुए राज्य सरकार से सिफारिश की है. मुंबई पुलिस ने सिक्योरिटी रीजन्स की दुहाई दी है. यूपी और दूसरे राज्यों ने कुछ दिन पहले फिल्म के प्रदर्शन की बात की थी. उन्होंने अभी प्रदर्शन को लेकर कुछ साफ़ नहीं किया है.
किस वजह से फिल्म को लेकर जारी है विवाद
- रानी पद्मिनी के विवादित चित्रांकन का आरोप है.
- करणी सेना ने कहा कि फिल्म में ऐतिहासिक तथ्यों से छेड़छाड़ की गई है.
- अलाउद्दीन खिलजी और रानी पद्मिनी के बीच ड्रीम सीक्वेंस है.
- घूमर गाने पर भी रजवाड़ों ने विरोध जताया.
- हालांकि निर्माताओं ने तमाम बिंदुओं पर सफाई दी है.
- सेंसर ने भी इसे लेकर पांच अहम बदलाव सुझाए थे जिसे निर्माताओं ने पूरा कर दिया है.