#HEALTH : 7 घंटे से ज्यादा बच्चे यूज करते हैं फोन तो , हो सकती है ये बीमारी
#HEALTH : अगर आपके घर में बच्चे हैं और वह फोन का इस्तेमाल करते हैं तो ये खबर आपके लिए बेहद महत्वपूर्ण है. दरअसरल चिकित्सकों का कहना है कि स्मार्टफोन और वीडियो गेम आदि पर दिन में सात घंटे से ज्यादा समय बिताने वाले नौ से 10 साल की उम्र के बच्चों के कॉर्टेक्स (मस्तिष्क की बाहरी परत) समय से पहले पतले हो सकते हैं.
ज्यादा एक्सपोजर मस्तिष्क के विकास
- हार्ट केयर फाउंडेशन (एचसीएफआई) के अध्यक्ष डॉ. के.के. अग्रवाल ने कहा, “स्क्रीन पर अधिक समय बिताने से सिर्फ आंखें ही प्रभावित नहीं होती हैं, बल्कि पहले छह वर्षो में एक बच्चे का मस्तिष्क तेजी से विकसित होता है और उसे निष्क्रिय बैठे रहने के बजाय रचनात्मक स्टिमुलेशन की जरूरत होती है।
- स्क्रीन कंटेंट केवल निष्क्रियता को बढ़ाती है.उन्होंने कहा, “एक समय में 10 मिनट से ज्यादा एक्सपोजर मस्तिष्क के विकास को प्रभावित कर सकता है. आज स्क्रीन टाइम में वृद्धि हुई है, विशेष रूप से बच्चों में.
- हालांकि काम निपटाने के लिए यह उपयोगी लग सकता है या बच्चे को वीडियो चलाकर खाना खिलाना आसान हो सकता है, लेकिन इसके कई दीर्घकालिक स्वास्थ्य प्रभाव हो सकते हैं.
- उन्होंने कहा कि भोजन के दौरान फोन पर कुछ देखते हुए खाने वाले बच्चे ज्यादा खुराक ले सकते हैं.
- वे भोजन और मनोरंजन के बीच अस्वास्थ्यकर कनेक्शन बनाना शुरू कर सकते हैं.
मायोपिया या शॉर्ट-साइट के लिहाज से भी स्क्रीन पर बहुत अधिक समय लगाना जोखिमपूर्ण हो सकता है. यह आंखों पर अत्यधिक तनाव पैदा कर सकता है और आंखों के सूखेपन का कारण बन सकता है.
बच्चों के साथ बिताएं समय
डॉ. अग्रवाल ने कुछ सुझाव देते हुए कहा, “बच्चों को व्यस्त रखने के लिए, फोन देने के बजाय, उनके साथ बातचीत करें और उनके साथ कुछ समय बिताएं. इससे किसी डिवाइस की जरूरत नहीं रहेगी. कंप्यूटर या टीवी को घर के खुले स्थान पर रखें. इस तरह उनके उपयोग को ट्रैक करना और स्क्रीन टाइम को सीमित करना आसान होगा. पूरे घर के लिए दिन में कुछ घंटे जीरो स्क्रीन टाइम होने चाहिए.