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एसीएस आलोक निगम को हाईकोर्ट ने जमकर लगाई फटकार
Arti Pandey
Chandigarh
एजी के मना करने के बावजूद सिंगल बेंच के फैसले के खिलाफ अपील दाखिल करने वाले एसीएस व अन्य अधिकारियों को हाईकोर्ट ने जमकर फटकार लगाई। हाईकोर्ट ने कहा कि अधिकारी कोर्ट के आदेश को हल्के में ले रहे हैं जो अपमान है, अगर हाईकोर्ट से अधिकारियों का ऐसा बर्ताव है तो प्रदेश की जनता का क्या हाल होगा। एसीएस आलोक निगम के माफी मांगने और अपील वापिस लेने के निर्णय की जानकारी देने और एडिशनल एडवोकेट जनरल दीपक बाल्यान के निवेदन पर हाईकोर्ट ने याचिका वापिस लेने की छूट देते हुए खारिज कर दी।
हरियाणा पीडब्ल्यूडी विभाग में वर्क इंस्पेक्टर के तौर पर नियुक्त बीर सिंह को हटाने के आदेश जारी किए गए थे। अनुबंध आधार पर कार्य कर रहे बीर सिंह इस आदेश के खिलाफ लेबर कोर्ट चले गए। लेबर कोर्ट ने उसके हक में फैसला सुनाया लेकिन पीडब्ल्यूडी विभाग ने उसे वर्क इंस्पेक्टर न लगा कर बेलदार लगाने का निर्णय लिया। इसके खिलाफ बीर सिंह हाईकोर्ट की सिंगल बेंच के समक्ष पहुंचे। सिंगल बेंच ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश का हवाला देते हुए बीर सिंह को जिस पद से हटाया गया था उसी पर नियुक्ति के ओदश दिए।
सिंगल बेंच के फैसले के खिलाफ अपील दाखिल करने से पहले एजी से सलाह मांगी गई और एजी ने अपील दाखिल न करने की सिफारिश की। बावजूद इसके एसीएस व अन्य अधिकारियों ने अपील दाखिल करने का फैसला लिया। इसके बाद हाईकोर्ट ने अधिकारियों को जमकर फटकार लगाते हुए अपील वापिस लेने के बारे में फैसला करने को कहा। दो सुनवाई के दौरान भी फैसला न लेने पर हाईकोर्ट ने इसे कोर्ट का अपमान बताते हुए कहा कि यदि कोर्ट के प्रति अधिकारियों का यह रवैया है तो प्रदेश में आम लोगों का क्या हाल होगा। कोर्ट ने कहा कि अधिकारियों पास न एजी के लिए कोई इज्जत है और न ही कोर्ट के लिए।
कोर्ट से माफी मांगी
हाईकोर्ट अधिकारियों पर जुर्माना लगाने लगा तो एसीएस सहित अन्य ने कोर्ट से माफी मांगी। इस दौरान एडिशनल एडवोकेट जनरल दीपक बाल्यान के निवेदन को ध्यान में रखते हुए हाईकोर्ट ने अधिकारियों को माफी दे दी और याचिका वापिस लेने की छूट देते हुए इसे खारिज कर दिया।
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