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स्टेट लैब में देसी घी की मिलावट सम्बन्धी जांच करने के लिए लगाए गए अत्याधुनिक उपकरण
ARTI PANDEY , Chandigarh
मिलावटी देसी घी बनाने वालों पर नकेल कसने के लिए स्टेट फूड सेफ्टी लैबोरेटरी खरड़ में 10 करोड़ रुपए की लागत वाले अत्याधुनिक उपकरण स्थापित किये गए हैं। यह जानकारी खाद्य सुरक्षा कमिशनर, पंजाब श्री काहन सिंह पन्नू ने दी।
मिलावटखोरों के खि़लाफ़ अपेक्षित कार्यवाही
- उन्होंने कहा कि फूड एंड ड्रग कमिशनरेट के अधिकारियों ने जून 2018 में शुरू किये मिशन तंदुरुस्त पंजाब की शुरुआत से ही मिलावटी खाद्य पदार्थ बनाने वालों पर तीखी नजऱ रखी हुई है।
- वह रोज़मर्रा के बड़े स्तर पर खाद्य पदार्थों की जांच कर रहे हैं। ज़ब्त किये गए नमूनों की खरड़ स्थित स्टेट लैब में जांच की जाती है और मिलावटखोरों के खि़लाफ़ अपेक्षित कार्यवाही की जाती है। हालाँकि, नवीनतम मशीनरी की अनुपस्थिति के कारण, देसी घी की मिलावट को सफलतापूर्वक रोका नहीं जा सका।
- चालाक मिलावटखोर वनस्पती तेल को आर.एम. वेल्यु (रीचर्ट मीसेल) वाला रसायन मिलाकर घटिया किस्म का देसी घी बनाते थे और मिलावटखोरी की जांच से बच जाते थे।परन्तु अब फूड सेफ्टी लैबोरेटरी में इंडक्टिवली कपल्ड प्लाज्मा – मास स्पेक्ट्रोमीटर (आई.सी.पी.एम.एस) और गैस क्रोमैटोग्राफ – मास स्पैक्ट्रोमीटर (जी.सी.एम.एस.) स्थापित किये गए हैं।
- इन साधनों का प्रयोग खाद्यपदार्थों के नमूनों, ख़ास कर देसी घी में मिलावट की किसी भी किस्म का पता लगाने के लिए किया जाएगा। इसके अलावा, लीक्विड क्रोमैटोग्राफ – मास स्पैक्ट्रोमीटर (एल.सी.एम.एस.) को भी खरीदा गया है और यह खाद्यपदार्थों के नमूनों में ऐफलाटौकसिन्स, माइकोटोकसिन्स आदि का पता लगाएगा।
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