पहाड़ी राज्य हिमाचल, उत्तराखंड और जम्मू-कश्मीर में ऊंचाई वाले क्षेत्रों में दो दिन से बर्फबारी हो रही है। वहीं, मध्यप्रदेश में कुछ स्थानों पर हल्की बारिश हुई और ओले गिरे। निजी वेबसाइट स्काइमेट ने हिमाचल और उत्तराखंड में बादल फटने की आशंका जताई है। जम्मू-कश्मीर में गुरुवार को हुई ताजा बर्फबारी और भूस्खलन के चलते जम्मू-श्रीनगर हाइवे लगातार दूसरे दिन भी बंद है।
फिर शीत-लहर का अनुमान
पंजाब, हरियाणा, छत्तीसगढ़ और उत्तरी राजस्थान, मध्यप्रदेश, उत्तरप्रदेश सहित कई राज्यों में 8 और 9 फरवरी से शीतलहर चल सकती है। मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि ऐसे में इन राज्यों में ठंड फिर से लौट सकती है।
हिमाचल-उत्तराखंड, उत्तरप्रदेश
अनुमान है कि उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश में बादल फटने से बाढ़ जैसी स्थिति भी बन सकती हैं। हिमाचल, उत्तराखंड, उत्तरप्रदेश के तराई वाले इलाकों में गुरुवार की सुबह बारिश हुई। अनुमान है कि आज और कल, यानी शुक्रवार को भी उत्तरप्रदेश में बारिश हो सकती है। राज्य में कुछ स्थानों पर ओले भी गिर सकते हैं।
हिमाचल प्रदेश की ऊंची चोटियों में बुधवार को बर्फबारी और मैदानी क्षेत्रों में बूंदाबांदी हुई। रोहतांग, सोलंगनाला समेत पांगी-भरमौर की पहाड़ियां बर्फ से लकदक हो गई हैं। मौसम विज्ञान केंद्र शिमला ने वीरवार को प्रदेश में भारी बारिश और बर्फबारी होने की चेतावनी जारी की है।
इस चेतावनी को देखते हुए राज्य सरकार ने भी अलर्ट जारी कर दिया है। रोहतांग दर्रा में बुधवार को दूसरे दिन भी बर्फबारी को दौर जारी रहा। इसके अलावा कुल्लू और लाहौल की ऊंची चोटियों पर भी बर्फबारी हुई। पहाड़ों में दो दिनों से बर्फबारी होने से घाटी के निचले इलाकों में कड़ाके की ठंड पड़ रही है।
जिला चंबा के कबायली क्षेत्र भरमौर-पांगी की ऊपरी चोटियों सहित तहसील मुख्यालय में भी दस इंच तक बर्फबारी हुई। किहार सेक्टर के तहत धार मंदराला, गढ माता, चोंडी की घोड़ी, वन का गोठ, फैजाल, सौंणतीथ, मराली धार, सिप्पीधार में छह इंच तक ताजा हिमपात हुआ। जनजातीय क्षेत्र भरमौर की ऊपरी चोटियों मणिमहेश, काली छौ, कुगति, चौबिया, सुप्पा, बडग्रां, तुंदाह, उलांसा, स्वाई, चन्हौता, कवारसी, भटौर, जालसू में दस इंच बर्फबारी रिकॉर्ड हुई।
मध्यप्रदेश
मध्यप्रदेश में ग्वालियर के 20, सतना के चार गांवों में ओले गिरने और गुना, भिंड और भोपाल में बारिश होने से हवा में ठंडक घुल गई। मौसम वैज्ञानिक पीएन बिरवा के मुताबिक, उत्तर भारत में बने पश्चिमी विक्षोभ को बंगाल की खाड़ी और अरब सागर से भी नम हवाएं मिलकर और प्रभावी बना रही हैं। राजस्थान के आसपास हवा का चक्रवाती घेरा बना हुआ है। इससे मौसम में तेजी से बदलाव हुआ है।