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अंग्रेजी शराब के दाम 10 प्रतिशत, बीयर के रेट 5 प्रतिशत बढ़ेंगे
एक अप्रैल से लागू होगी 2018.19 की एक्साइज पॉलिसी
Arti Pandey
Chandigarh
काफी दिनों से एक्साइज पॉलिसी को लेकर चल रहा मंथन शुक्रवार को खत्म हो गया। यूटी प्रशासन ने 2019.20 की एक्साइज पॉलिसी की घोषणा कर दी है। इसमें अंग्रेजी शराब में करीब 10 प्रतिशत, बीयर में 5 प्रतिशत और देसी शराब में 15 प्रतिशत तक के दामों में इजाफा किया गया है। शहर में ठेकों की संख्या भी बढ़ाकर 98 तक की गई है। वहीं पहली दफा शराब के ठेकों के लाइसेंस ई टेंडरिंग से किए जाएंगे। ऑनलाइन सिस्टम से ही पर्मिट और पास दिए जाएंगे। पॉलिसी में ग्राहक को बिल दिए जाने को भी अनिवार्य किया गया है। बार और रेस्टोरेंट की लाइसेंस फीस में कोई इजाफा नहीं किया गया है। लो एल्कोहलिक कंटेंट्स को बढ़ावा देने के लिए वाइन और बियर के रेट में कम किए गए हैं।
18 प्रतिशत रेवेन्यू बढ़ाने का लक्ष्य
नई एक्साइज पॉलिसी 2019 20 से प्रशासन को बीते वर्ष की तुलना में 18 प्रतिशत रेवेन्यू की बढ़ोतरी की गई है। बीते वर्ष एकत्र हुए 510 करोड़ रुपए के जगह इस साल के लिए तय की गई एक्साइज पॉलिसी के तहत 600 करोड़ रुपए का रेवेन्यू लाने की कोशिश की गई हे।
ई टेंडर से मिलेंगे लाइसेंस
यूटी एक्साइज डिपार्टमेंट की ओर से तैयार की गई नई पॉलिसी के तहत अब से ई टेंडर के जरिए यूनिटों को लाइसेंस दिए जाएंगे। इस दफा ठेकों की संख्या में भी इजाफा किया गया है। इसे ८८ से बढ़ाकर 9८ कर दिया गया है।
मोनोपोली की जाएगी खत्म
नई एक्साइज पॉलिसी के तहत एक व्यक्ति को दस ठेकों से अधिक नहीं दिया जा सकेगा। इससे शराब के ठेकों की मोनोपोली पर अंकुश लगेगा।
डिपार्टमेंटल स्टोर की लाइसेंस फीस में बढ़ोतरी नहीं
डिपार्टमेंटल स्टोर में शराब की बिक्री को बढ़ाने के लिए इस बार पॉलिसी में यहां की लाइसेंस फीस में कोई बढ़ोतरी नहीं की गई है। हालांकि डिपार्टमेंटल स्टोर के लिए दिए जाने वाले कोटे को 5000 पीएल से घटाकर 3000 पीएल कर दिया गया है।
देशी शराब के दाम बढ़े
कंट्री लीकर पर एक्साइज ड्यूटी बढ़ाई गई है। पॉलिस में इसे करीब १७ प्रतिशत और आईएमएफएल में इसे २० प्रतिशत तक बढ़ाया गया है।
यह किया गया अनिवार्य
पॉलिसी में सभी रिटेल लाइसेंस धारकों को बिक्री होने वाली शराब की इनवॉइस जारी करना अनिवार्य कर दिया गया है।
भारतीय वाइन इंडस्ट्रीज को बढ़ावा
हालांकि भारतीय वाइन इंडस्ट्रीज को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से एक्स्ट्रा लाइसेंस फीस नहीं बढ़ाई गई है और इसे १२००० हजार रुपए पूरे साल के लिए कर दिया गया है। वहीं वाइन की लेबल रजिस्ट्रेशन फीस १५ हजार से घटाकर दस हजार रुपए कर दी गई है।
लो एल्कोहोल को बढ़ावा
नई एक्साइज पॉलिसी में माइक्रोब्रेवरी के लिए लगने वाले एक्साइज ड्यूटी को 50 रुपए प्रति बोतल कम करते हुए 30 रूपए प्रति बोतल कर दिया गया है। जिससे कि हार्ड ड्रिंक की जगह सॉफ्ट लिकर को अधिक तवज्जो दे। इसके साथ ही रेस्टोरेंट्स, पब.बार और माइक्रोब्रेवरी के लाइसेंस फीस में भी किसी तरह की बढ़ोतरी नहीं की गई है।
अब दस इंस्टॉलमेंट में कर सकेंगे भुगतान
पॉलिसी में बिजनेस को आसान बनाने के लिए इस बार एलॉटमेंट के समय जमा की जाने वाली सिक्योरिटी राशि में राहत देते हुए 25 प्रतिशत से घटाकर 20 प्रतिशत कर दिया गया है। इसके साथ ही मासिक तौर पर जमा होने वाली इंस्टॉलमेंट की संख्या 8 से बढ़ाकर 10 इंस्टॉलमेंट के रूप में कर दी गई है जिससे कि शराब कारोबारियों को राहत मिल सके।
एल.2डी लाइसेंस फीस में काई बढ़ोतरी नहीं
एक्साइज डिपार्टमेंट ने गुड्स एंड सर्विसेज एक्ट.2017 ;जीएसटी के तहत रजिस्टर शॉप्स में इंपोर्टेड वाइन, इंडियन वाइन और इम्पोर्टेड बीयर एल.2डी लाइसेंस फीस में काई बढ़ोतरी नहीं की गई है। इसे पहले की तरह दो लाख रुपए ही रखा गया है।
अल्कोमीटर किया अनिवार्य
नई एक्साइज पॉलिसी में ड्रंकन ड्राइव के कारण होने वाले सड़क हादसों को देखते हुए सभी रेस्टोरेंट्स होटल में एल्कोमीटर लगाने अनिवार्य कर दिया गया है। जिससे कि शराब पीने वाला उपभोक्ता एल्कोमीटर की मदद से यह माप सके उसने कितनी शराब पी है और वह सड़क पर गाड़ी चलाने की स्थिति में है.
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