Aadi Amavasya : हिंदू पंचांग के अनुसार, आदि अमावस्या पर्व Aadi Amavasya श्रावण (अधिक) कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि के दिन मनाया जाता है।
मान्यता है कि इस दिन पूजा-पाठ और तर्पण करने से पितृ दोष से मुक्ति प्राप्त हो जाती है। साथ ही जीवन में आ रही कई प्रकार की समस्याएं दूर हो जाती है। आइए जानते हैं, कब है आदि अमावस्या पर्व और इसका महत्व?Aadi Amavasya
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तिथि (Aadi Amavasya )
पंचांग के अनुसार, श्रावण अधिक कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि 15 अगस्त दोपहर 12:42 से शुरू होगी और इस तिथि का समापन 16 अगस्त दोपहर 03:07 पर हो जाएगा। ऐसे में आदि अमावस्या पर्व 15 अगस्त 2023, मंगलवार के मनाया जाएगा। इस विशेष दिन पर श्रावण अधिक मास का पांचवा मंगला गौरी व्रत भी रखा जाएगा।
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महत्त्व (Aadi Amavasya)
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, अमावस्या तिथि के दिन तर्पण या श्राद्ध कर्म करने से पितर प्रसन्न होते हैं और उनकी आत्मा को शांति प्राप्त होती है। साथ ही इस विशेष दिन पर स्नान और दान का भी विशेष महत्व है। मान्यता है अमावस्या तिथि के दिन स्नान और कुछ विशेष चीजों का दान करने से साधक को दैवीय शक्तियों की प्राप्ति होती है। साथ ही मोक्ष के द्वार खुल जाते हैं।(Aadi Amavasya)
आदि अमावस्या पर करें ये उपाय (Aadi Amavasya )
आदि अमावस्या के दिन जल में तिल डालकर सूर्य को अर्घ्य प्रदान करने से सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है।
इस विशेष दिन पर मुरुगन अर्थात कार्तिकेय भगवान की उपासना करने से विशेष लाभ मिलता है।
आदि अमावस्या के दिन दान का विशेष महत्व है। इसलिए इस दिन पर जरूरतमंद लोगों को अन्न, धन या वस्त्र का दान करें।(Aadi Amavasya)
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