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#प्रशासन : शहर की सरहद पर हरियाणा, पंजाब मचा रहे शोर, यूटी में सब शांति है
मैरिज पैलेसों की कानफोड़ू म्यूजिक को लेकर हाईकोर्ट द्वारा लिए संज्ञान पर यूटी प्रशासन ने सौंपा जवाब
यूटी प्रशासन के जवाब पर हाईकोर्ट ने हरियाणा व पंजाब को जवाब दाखिल करने के दिए आदेश
ARTI PANDEY , Chandigarh
शहर की सरहद से जुड़े इलाकों में बने हरियाणा व पंजाब की सरहद में आने वाले मैरिज पैलेस व रिजार्ट के शोर के कारण लोगों का जीना मुहाल हो रहा है। शहर में रात दस बजे के बाद तेज ध्वनि में म्यूजिक की शिकायतें नहीं मिल रही हैं। यूटी पुलिस ने हाईकोर्ट में हलफनामा दाखिल करते हुए हरियाणा व पंजाब के चंडीगढ़ से जुड़े क्षेत्रों को लोगों की मुसीबत का कारण बताया। साथ ही यह भी बताया कि केवल 2 दिन में इन ईलाकों से उनके पास करीब 11 शिकायतें मिले जिसके बारे में संबंधित थाने में सूचित किया गया। हाईकोर्ट ने अब हरियाणा और पंजाब से इन शिकायतों पर लिए गए एक्शन की जानकारी मांग ली है।
पहुंचा दिया है वनों को खत्म होने की कगार पर
- जस्टिस जीएस संधावालिया ने अब इस मामले का संज्ञान ले मोहाली, पंचकूला के डीसी, एसएसपी के साथ ही चंडीगढ़ के गृह सचिव, डीसी, एसएसपी को नोटिस जारी कर तलब किया था।
- मामला अब जनहित याचिका के तौर पर चीफ जस्टिस कृष्ण मुरारी पर आधारित खंडपीठ के पास पहुंचा है।
- जस्टिस संधावालिया ने संज्ञान लेते हुए कहा कि जब सुप्रीम कोर्ट रात 10 बजे के बाद ऊंची आवाज में म्यूजिक और लाऊड-स्पीकर के इस्तेमाल पर रोक लगा चुका है तो क्यों पुलिस कार्रवाई नहीं करती।
- कोर्ट ने कहा कि चंडीगढ़ में हालत बेहतर है लेकिन मोहाली और पंचकूला में हालत खराब हैं। देर रात तक मैरिज पैलेस और फार्म हाऊस मेंतेज ध्वनि में म्यूजिक बजता है।
- मैरिज पैलेस या तो किसी न किसी रसूखदार के हैं या किसी न किसी रसूखदार का कार्यक्रम होता है। उनमें सभी नियम कायदों की धज्ज्जियां उड़ाई जा रही हैं। इन लोगों का एन्जॉय आम लोगों को परेशानी में डाल देता है।
- लोग अगर पुलिस को शिकायत करते हैं तो वह कोई करवाई नहीं करती। जस्टिस संधावालिया ने कहा कि चंडीगढ़ के उत्तर में फॉरेस्ट एरिया और सुखना लेक के करीब का पूरा एरिया पंजाब और हरियाणा के तहत आता है और यहां पर मौजूद मैरिज पैलेस में भी ऊंची आवाज में संगीत बजाया जाता है।
- जस्टिस संधावालिया ने कहा कि यह फॉरेस्ट एरिया है और इस प्रकार का तेज म्यूजिक यहां के वातावरण को खराब करने वाला है। इससे वन्य जीवन को भी बर्बाद किया जा रहा है।
- पहले ही इंसानी लालच ने वनों को खत्म होने की कगार पर पहुंचा दिया है।
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