भारत में बिकने वाले कई प्रमुख ब्रांड के शहद (Honey) में चीनी शरबत की मिलावट पाई गई है, पर्यावरण नियामक सीएसई (CSE) ने बुधवार को जारी एक अध्ययन रिपोर्ट में इस बात का दावा किया है।
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भारतीय बाजारों में बिक रहे शहद के सभी ब्रांड में जबरदस्त तरीके से शुगर सिरप (Sugar syrup)की मिलावट हो रही है. यह खुलासा सेंटर फार साइंस एंड एनवायरमेंट ने किया है. सीएसई की महानिदेशक सुनीता नारायण ने इस बारे में जानकारी दी है. उन्म्होने कहा, “सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरमेंट ने देश में बिकने वाले 13 प्रमुख ब्रांड के शहद (honey) को मिलावट टेस्ट के लिए जर्मनी भेजा था. भारत में यह सभी शहद के ब्रांड मिलावट टेस्ट में खड़े पाए गए हैं लेकिन जर्मनी में यह सभी फेल हो गए हैं.”
अध्ययन में कहा गया है कि डाबर(dabur), पतंजलि(Patanjali), बैद्यनाथ, झंडू, हितकारी और एपिस हिमालय जैसे प्रमुख ब्रांड के शहद के नमूने एनएमआर (न्यूक्लियर मैग्नेटिक रेजोनेंस) परीक्षण में विफल रहे।
इस का जवाब देते हुए, इमामी (झंडू) के प्रवक्ता ने कहा कि एक जिम्मेदार संगठन के रूप में इमामी सुनिश्चित करता है कि उसका झंडू शुद्ध शहद भारत सरकार और उसके प्राधिकरण एफएसएसएआई द्वारा निर्धारित सभी नियम-शर्तों और गुणवत्ता मानदंडों / मानकों के अनुरूप हो और उनका पालन करे।
डाबर ने भी दावे का खंडन करते हुए कहा कि हालिया रिपोर्ट ‘दुर्भावना और हमारे ब्रांड की छवि खराब करने के उद्देश्य से प्रेरित’ लगती है। उसने कहा है कि डाबर, शहद के परीक्षण के लिए भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण द्वारा अनिवार्य सभी 22 मानदंडों का अनुपालन करती है।
इस जांच में शामिल शहद के 77 फीसदी नमूने में शुगर सिरप की मिलावट पाई गई है. अंतरराष्ट्रीय स्तर पर स्वीकार्य न्यूक्लियर मैग्नेटिक रेजोनेंस स्पेक्ट्रोस्कोपी परीक्षण में 13 ब्रांड में सिर्फ 3 ब्रांड ही पास हुए हैं. उनका कहना है कि शहद के शुद्धता की जांच के लिए बने भारतीय मानकों के जरिए मिलावट को नहीं पकड़ा जा सकता, क्योंकि चीन की कंपनियां ऐसे शुगर सिरप तैयार कर रही हैं जो भारतीय जांच मानक पर आसानी से खरे उतरते हैं.
सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरमेंट ने ही साल 2003 और 2006 के दौरान सॉफ्ट ड्रिंक में कीटनाशक की उपस्थिति का खुलासा किया था. इसके बाद काफी बवाल मचा और अंत में कोल ड्रिंक बनाने वाली कंपनियों ने लेवल पर इस बात की जानकारी देनी शुरू कर दी.
सीएसई की महानिदेशक सुनीता नारायण ने कहा कि शहद में शुगर सिरप (Sugar syrup) की मिलावट खाद्य धोखाधड़ी है. यह साल 2003 और 2006 में सीएसई द्वारा सॉफ्ट ड्रिंक (soft drink) में की गई मिलावट की खोजबीन से ज्यादा खतरनाक है. लोग इस समय जानलेवा बीमारी कोविड-19 के खिलाफ जंग लड़ रहे हैं और इससे बचने का कोई रास्ता नहीं है. ऐसे कठिन समय में भोजन में चीनी का जरूरत से ज्यादा इस्तेमाल हालात को और भयावह बना सकता है.
सीएसई का कहना है कि शहद में मिलावट की यह रिपोर्ट भारत और जर्मनी की लैब में हुई स्टडी पर आधारित है. सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरमेंट की यह पड़ताल बताती है कि भारत के सभी प्रमुख ब्रांड के शहद में जबरदस्त मिलावट की जा रही है.
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