Air pollution in Delhi: दिल्ली का औसत AQI 494 रिकॉर्ड किया गया, जो इस सीजन में सर्वाधिक है। देश की राजधानी दिल्ली में वायु प्रदूषण बहुत ही खतरनाक स्तर तक पहुंच गया है। साथ कोहरे की मार ने लोगों की परेशानी को और भी बढ़ा दिया है। Air pollution in Delhi
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दिल्ली ही नहीं NCR भी प्रदूषण की मार झेल रहा है। गैप-4 के नियम लागू हो चुके हैं। स्कूल बंद हो चुके हैं। लोगों से घरों में रहने की अपील है। तमाम रोकथाम के बाद भी प्रदूषण पर नियंत्रण नहीं हो रहा है। कोहरे की वजह से दृश्यता कम है। जबकि दिल्ली एनसीआर से बाहर कोहरा ही कोहरा नजर आ रहा है।
बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए कमीशन फॉर एयर क्वालिटी मैनेजमेंट (CAQM) ने 18 नवंबर से दिल्ली-NCR में बदला हुआ ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान (GRAP) का चौथा फेज लागू कर दिया है। साथ ही बच्चों, बुजुर्गों, सांस और दिल के मरीजों, पुरानी बीमारियों से पीड़ितों को घर के अंदर रहने की सलाह दी गई है।
मास्क पहनना अनिवार्य किया
सुप्रीम कोर्ट ने अपने स्टाफ के लिए मास्क पहनना भी अनिवार्य कर दिया है। सोमवार को दिल्ली-NCR रीजन में सरकारों को निर्देश दिया कि प्रदूषण की गंभीरता देखते हुए स्कूल बंद किए जाएं। AQI का लेवल कम करने के लिए ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान (GRAP) स्टेज 3 और स्टेज 4 के सभी जरूरी प्रतिबंध लागू किए जाएं।
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साथ ही हिदायत दी- कोर्ट की इजाजत के बगैर GRAP स्टेज 4 के प्रतिबंध नहीं हटेंगे। भले ही AQI 300 से नीचे क्यों ना आ जाए।
AQI क्या है और इसका हाई लेवल खतरा क्यों
AQI एक तरह का थर्मामीटर है। बस ये तापमान की जगह प्रदूषण मापने का काम करता है। इस पैमाने के जरिए हवा में मौजूद CO (कार्बन डाइऑक्साइड ), OZONE, (ओजोन) NO2 (नाइट्रोजन डाइऑक्साइड) , PM 2.5 (पार्टिकुलेट मैटर) और PM 10 पोल्यूटेंट्स की मात्रा चेक की जाती है और उसे शून्य से लेकर 500 तक रीडिंग में दर्शाया जाता है।
हवा में पॉल्यूटेंट्स की मात्रा जितनी ज्यादा होगी, AQI का स्तर उतना ज्यादा होगा और जितना ज्यादा AQI, उतनी खतरनाक हवा। वैसे तो 200 से 300 के बीच AQI भी खराब माना जाता है, लेकिन अभी हालात ये हैं कि राजस्थान, हरियाणा दिल्ली और उत्तर प्रदेश के कई शहरों में ये 300 के ऊपर जा चुका है। ये बढ़ता AQI सिर्फ एक नंबर नहीं है। ये आने वाली बीमारियों के खतरे का संकेत भी है।
AQI 400 के पार पहुंचने पर GRAP लगाया जाता है
हवा में प्रदूषण के स्तर की जांच करने के लिए इसे 4 कैटेगरी में बांटकर देखा गया है। हर स्तर के लिए लिए पैमाने और उपाय तय हैं। इसे ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान यानी GRAP कहते हैं। इसकी 4 कैटेगरी के तहत सरकार पाबंदियां लगाती है और प्रदूषण कम करने के उपाय जारी करती है।
GRAP-1: खराब (AQI 201-300)
GRAP-2: बहुत खराब (AQI 301-400)
GRAP-3: गंभीर ( AQI 401 से 450)
GRAP-4: बहुत गंभीर ( AQI 450 से ज्यादा)