Akhilesh Yadav News : सपा प्रमुख ने गुरुवार को लखनऊ में प्रेस कॉन्फ्रेंस करके YOGI सरकार को घेरा। सपा प्रमुख अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने कहा कि BJP की वसूली, जीएसटी (GST) और भ्रष्टाचार के चलते कानपुर (KANPUR) का कारोबार लगातार पलायन हो रहा है। Akhilesh Yadav News
यहां सरकार की लूट-घसोट के चलते यूपी में कोई इन्वेस्टर नहीं आएगा। आखिर देश की दिग्गज पान मसाला (pan masala) कंपनियां कानपुर से अपना कारोबार क्यों समेट रही हैं, आखिर इसके पीछे वजह क्या है…?
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सपा प्रमुख आखिलेश यादव ने क्या कहा…(Akhilesh Yadav News)
जीएसटी से व्यापारी बर्बाद हो गया है। अब ये नई तरह की लड़ाई चल रही है। कानपुर से सभी कारोबारी कानपुर छोड़कर जा रहे हैं। सोचिए अगर कारोबारी कानपुर से चला गया तो क्या होगा। ये कारोबार तो ला नहीं पाए। याद कीजिए इन्होंने कितना बड़ा आयोजन किया था इन्वेस्टमेंट मीट, इन्वेस्टमेंट मीट का तो कुछ हुआ नहीं। कोई इन्वेस्टमेंट स्टेट के पास नहीं आया। लेकिन जो कारोबारी पहले से थे, जिनका कारोबार पहले से चल रहा था। वो सब कानपुर छोड़कर जा रहे हैं, लखनऊ छोड़कर जा रहे हैं। ये इनकी वसूली, जीएसटी और भ्रष्टाचार की वजह से छोड़कर जा रहे हैं। जब इस तरह की खबरें और भी लोग जानेंगे तो यूपी में कौन इन्वेस्ट करना भी चाहते थे। वो इस तरह की लूट और बेइमानी के बाद कोई भी इन्वेस्टर नहीं आएगा। और सोचिए झगड़ा क्या है, झगड़ा पता नहीं क्या है। गोरखपुर में एक उद्योगपति जो भाजपा के समर्थक थे, उनके यहां छापा पड़ा। 600 करोड़ की टैक्स चोरी चोरी का सवाल उठाया। इसमें दो सौ करोड़ और जोड़ लीजिए की बात कहते हुए सरकार का जमकर माखौल उड़ाया।
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फैक्ट्री के बाहर निगरानी से पान-मसाला कारोबार हुआ शिफ्ट (Pan-masala business shifted)
शहर के पांच प्रमुख ब्रांड एसएनके, केसर, शुद्ध प्लस, किसान और शिखर ने उत्पादन कम कर दिया है। इसके साथ ही उत्तराखंड, एमपी और गुवाहाटी में नए प्लांट लगा लिए हैं। एक ब्रांड ने अपनी सभी मशीनों तक को उखाड़कर पूरी तरह से अपना काम पैकअप करके शिफ्ट कर लिया है। कानपुर में SNK, गगन सर, रॉयल, मधु, शिखर, केसर, सिग्नेचर, शुद्ध प्लस, तिरंगा, किसान जैसे कई बड़े ब्रांड के पान मसालों का उत्पादन किया जाता है। इसके अलावा, लखनऊ, दिल्ली और नोएडा से तैयार माल कानपुर आता है।
पान मसाला इकाइयों में जीएसटी चोरी रोकने के लिए जीएसटी के प्रमुख सचिव एम देवराज पान मसाला कंपनियों की निगरानी के निर्देश दिए थे। बीते तीन महीने से इन इकाइयों के बाहर अधिकारी रोस्टर के अनुसार 24 घंटे जीएसटी के अफसर निगरानी कर रहे हैं। कंपनी में आने वाली एक-एक गाड़ी का लेखाजोखा जीएसटी अफसरों के पास है।
इतना ही नहीं जीएसटी के अफसर अब कंपनियों के बाहर गेट पर आटोमेटिक नंबर प्लेट रीडिंग कैमरे (एएनपीआर) लगवा रहे हैं। अपर आयुक्त ग्रेड-2 एसआईबी जीएसटी कुमार आनंद ने बताया कि एएनपीआर कैमरे लगवाने का काम तीन दिन में पूरा हो जाएगा। विभाग में कमांड सेंटर बनाने का काम शुरू हो गया है। इसके साथ ही उत्पादन इकाइयों में पैकेजिंग मशीन की संख्या की अनिवार्यता, निर्माता कंपनी, खरीद की तिथि, वजन, पैकेजिंग की क्षमता और एक घंटे में बिजली के इस्तेमाल तक की निगरानी की जा रही है।
गुटखा कंपनियों के मालिकों ने बताया कि फैक्ट्री के बाहर इस तरह से चेकिंग और सीसीटीवी कैमरे लगाने से उनकी निजता का हनन हो रहा है। बाहर के लोगों ने इतनी सख्त निगरानी के चलते तो कच्चा माल तक देने से इनकार कर दिया है। एक-एक गाड़ी की निगरानी से प्रोडक्सन से लेकर सप्लाई हर चीज पर फर्क पड़ रहा है। जीएसटी की इस तरह के शिकंजा कसने से कानपुर पान मसाला इंडस्ट्री पूरी तरह से बर्बाद होती जा रही और कारोबारी अब दूसरी जगह पलायन कर रहे हैं।
पान मसाला के साथ कई उद्योग हो जाएंगे बर्बाद
सुपाड़ी, रेपर, बारदाना समेत कई सेक्टरों का भविष्य खतरे में पान मसाला कारोबार ही नहीं बल्कि सुपाड़ी, कत्था, रेपर, प्रिटिंग, बारदाना, ट्रांसपोर्ट को भी सहारा दे रहा है। नयागंज में सुपाड़ी, कत्था का कुल कारोबार का 50 फीसदी तो पान मसाला इकाइयों पर ही निर्भर है। रोज का करीब पांच से छह करोड़ रुपये का कारोबार है। अगर इसी तरह पान मसाला कारोबार कानपुर से शिफ्ट हुआ तो बहुत बड़ी संख्या में कारोबारी तबाह हो जाएगा।