RAHUL PANDEY
पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने इटावा के सैफई में विवादित बयान दिया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री एक महीना क्या 3 महीने तक बनारस में रहें। वो जगह रहने के लिए अच्छी है। आखिरी समय में वहीं रहा जाता है।
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उनके इस बयान के दो मायने निकाले जा रहे हैं। इसे पीएम मोदी (pm modi) की राजनीति के अंत से जोड़ा जा रहा है, तो बनारस में मोक्ष-प्राप्ति के लिए लोगों के अपने अंतिम समय आने से भी जोड़ा जा रहा है। कई लोगों का कहना है कि अखिलेश एक राजनेता हैं और उन्हें इस तरह का बयान नहीं देना चाहिए था, जिसमें पीएम के अंतिम वक्त की कामना भी झलके।
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भाजपा ने किया पलटवार
भाजपा (BJP) प्रवक्ता राकेश त्रिपाठी ने कहा अखिलेश यादव का यह बयान बेहद निंदनीय है, प्रधानमंत्री के लिए यह भाषा अखिलेश यादव की हताशा और बौखलाहट दिखा रही है। जब तक सत्ता में थे, अयोध्या, काशी और मथुरा से इनका दुराग्रह पूरी जनता ने देखा है। अब पीएम के लिए ऐसी भाषा ना सिर्फ काशी वालों का बल्कि हिंदुस्तान के लोगों का अपमान है।