#Haryana के सरकारी स्कूलों के इतिहास में एक और अनूठा उदाहरण
राज्य में पहली बार शैक्षणिक सत्र के आरंभ में पहुंचेंगी
एक अप्रैल से ही मिलेंगी सरकारी स्कूलों के विद्यार्थियों को पुस्तकें
मई 2019 के बाद नहीं रहेंगी कर्मचारियों की पेपर सर्विस-बुक
ई-सर्विस बुक होगी ऑनलाइन
ARTI PANDEY
Chandigarh
#Haryana के सरकारी स्कूलों के इतिहास में इस बार एक और अनूठा उदाहरण पेश होने जा रहा है, वह यह है कि सरकारी स्कूलों में पढऩे वाले विद्यार्थियों को नि:शुल्क दी जाने वाली पुस्तकें नए शैक्षणिक सत्र के पहले दिन से वितरित कर दी जाएंगी। आज से ही इन पुस्तकों का स्कूलों में भेजना शुरू कर दिया गया है जो कि प्रदेश के सभी सरकारी स्कूलों में 31 मार्च तक पहुंचानी सुनिश्चित कर दी जाएंगी। इसके अतिरिक्त, प्रदेश के सरकारी स्कूलों में कर्मचारियों की मई 2019 तक ई-सर्विस बुक तैयार हो जाएगी जिसके बाद कोई भी पेपर सर्विस-बुक नहीं रहेगी।
सीधा स्कूलों में पुस्तकों को भेजा जाएगा
इस बारे में हरियाणा स्कूल शिक्षा परियोजना परिषद के प्रोजेक्ट डायरेक्टर एवं सैकेंडरी शिक्षा विभाग के महानिदेशक डॉ. राकेश गुप्ता ने वीडियों कान्फ्रैंसिंग के माध्यम से प्रदेश के सभी जिला शिक्षा अधिकारियों, जिला मौलिक शिक्षा अधिकारियों व जिला कार्यक्रम समन्वयकों द्वारा की जा रही तैयारियों की समीक्षा की तथा आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। उन्होंने बताया कि इस बार पुस्तकों के प्रिंटर द्वारा सीधा स्कूलों में पुस्तकों को भेजा जाएगा। पुस्तकों को प्राप्त करने के लिए स्कूल मुखियाओं को सायं 7 बजे तक स्कूल खुला रखने के निर्देश दिए गए हैं। अधिकारियों को प्रिंटर के साथ तालमेल बनाकर पुस्तकों को सुरक्षित एवं सही तरीके से चैक करके प्राप्त करने के निर्देश दिए गए हैं। पुस्तकों के ग्रहण करने व वितरण करने से संबंधित किसी भी प्रकार की जानकारी व समस्या के समाधान के लिए शिक्षा विभाग के मुख्यालय पर एक नोडल अधिकारी भी नियुक्त किया गया है।
इसके अलावा, डॉ. गुप्ता ने स्कूल शिक्षा विभाग के जिला स्तर के सभी अधिकारियों से सर्विस-बुक से संबंधित जानकारी एमआईएस पोर्टल पर अपडेट करने के भी निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि सर्विस-बुक ऑनलाइन होने से अध्यापकों व अन्य कर्मचारियों को भी फायदा होगा। इससे जहां उनको इस सर्विस-बुक के चोरी व गुम होने का डर नहीं रहेगा और वहीं वे कभी भी अपना डाटा देख सकते हैं। इसके अलावा उनका डाटा ऑनलाइन होने से उनके अवकाश, लोन, जीपीएफ समेत अन्य मामलों में पारदर्शिता आएगी। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि मई 2019 तक स्कूल शिक्षा विभाग से जुड़े सभी अधिकारियों व कर्मचारियों की सर्विस-बुक ऑनलाइन करने का लक्ष्य निर्धारित करें, इसके बाद कोई भी कागजी सर्विस-बुक नहीं रहेगी।