Surgical Strike : सेना ने मीडिया में आई सर्जिकल स्ट्राइक (surgical strike) की खबर का खंडन किया है। डिफेंस पीआरओ, जम्मू ने आज एक बयान जारी कर कहा, ‘सर्जिकल स्ट्राइक को लेकर एक न्यूज प्रकाशित की गई है, मैं आपको बताना चाहता हूं कि ऐसा कोई भी ऑपरेशन राजौरी-पुंछ में नहीं किया गया है। कल घुसपैठ की कोशिश नाकाम की गई थी।’ surgical strike
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भारतीय सेना ने एक बयान जारी कर उस ख़बर का खंडन किया है, जिसमें कहा गया था कि भारतीय सेना ने फिर पाकिस्तान में ‘सर्जिकल स्ट्राइक’ को अंजाम दिया है. मंगलवार को ‘दैनिक जागरण’Dainik Jagran ने राष्ट्रीय संस्करण में पहले पृष्ठ पर ‘भारत ने पाकिस्तान पर फिर की सर्जिकल स्ट्राइक‘ शीर्षक से आधे पन्ने की खबर प्रकाशित की थी. खबर में कहा गया था कि ‘सेना ने राजौरी-पुंछ में एलओसी से ढाई किलोमीटर अंदर पीओके जाकर कार्रवाई की, जिसमें आतंकियों के चार लॉन्चिंग पैड तबाह किए गए और सात से आठ आतंकियों की मौत हुई.’ नवभारत टाइम्स के अनुसार, इसके बाद डिफेंस के जम्मू पीआरओ एक बयान जारी कर कहा कि ऐसा कोई भी ऑपरेशन राजौरी-पुंछ में नहीं किया गया है. कल (सोमवार) को घुसपैठ की एक कोशिश नाकाम की गई थी. surgical strike
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अखबार की खबर में दावा किया गया था कि भारतीय सैनिक (indian soldier) पीओके में करीब ढाई किमी घुस गए और इस सर्जिकल स्ट्राइक में 7 से 8 आतंकियों के मारे जाने की सूचना है। इनमें पाकिस्तानी सेना के बैट टीम के मेंबर भी हो सकते हैं। बताया गया कि भारतीय एजेंसियों को सूचना मिली थी एलओसी के उस पार इन लॉन्चिंग पैड्स में किसी बड़े हमले की योजना तैयार की जा रही है।
सूत्रों के हवाले से अखबार ने दावा किया था कि 12 से 15 कमांडो ने मिशन को अंजाम दिया। कहा गया कि स्पेशल फोर्स के इन कमांडो ने पैदल ही राजौरी के तरकुंडी सेक्टर और पुंछ के भिंभर गली के बीच एलओसी पार की। रात को पूरी सतर्कता से मिशन को अंजाम दिया गया और आतंकियों को भागने का कोई मौका नहीं मिला। हालांकि अब सेना ने इससे इनकार किया है।
भारतीय सेना ने बताई पूरी सच्चाई
भारतीय सेना ने बताया कि 21 अगस्त की सुबह, सतर्क सैनिकों ने दो आतंकवादियों को बालाकोट सेक्टर के हमीरपुर क्षेत्र में खराब मौसम, घने कोहरे, घने पत्तों और ऊबड़-खाबड़ जमीन का उपयोग करके नियंत्रण रेखा पार करने का प्रयास करते हुए देखा। जैसे ही आतंकवादी घात स्थलों के पास पहुंचे, उन्हें चुनौती दी गई और फिर उन पर प्रभावी ढंग से गोलीबारी की गई। खराब मौसम और जमीनी परिस्थितियों का फायदा उठाकर आतंकवादियों को घात स्थल से भागने के लिए मजबूर कर दिया।
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हालांकि प्रभावी गोलीबारी के परिणामस्वरूप एक आतंकवादी नियंत्रण रेखा के पास जमीन पर गिर गया। फिर अतिरिक्त सैनिकों को क्षेत्र में भेजा गया और मौसम की स्थिति और दृश्यता में सुधार के बाद दोपहर में तलाशी अभियान शुरू हुआ। इलाके की तलाशी में एक एके 47 राइफल, दो मैगजीन, 30 राउंड, दो ग्रेनेड और पाक मूल की दवाएं बरामद हुईं।
खोज के दौरान LOC एलओसी की ओर जाने वाले रक्त के निशानों का भी पता लगाया गया। खुफिया जानकारी के अनुसार घुसपैठ का प्रयास करने वाले दो आतंकवादी अपने ही सैनिकों की गोलीबारी के कारण घायल हो गए, लेकिन फिर भी नियंत्रण रेखा के पार लौटने में कामयाब रहे और बाद में उन्होंने दम तोड़ दिया। घुसपैठ की किसी भी कोशिश को नाकाम करने के लिए हमारी सेना लगातार अलर्ट पर है और निगरानी बनाए हुए है।