Avnish Dixit Case : जमीन कब्जाने के मामले में जेल गए प्रेस क्लब के पूर्व अध्यक्ष अवनीश दीक्षित (Avnish Dixit) को एक मामले में राहत मिल गई है।
हत्या के प्रयास मामले में हाईकोर्ट ने अवनीश दीक्षित को जमानत दे दी है। हालांकि अभी वो जेल से बाहर नहीं आएंगे। उसके अन्य अपराधिक मामलों में सुनवाई जारी है। हाईकोर्ट ने अपने आदेश में टिप्पणी की है कि जमानत देने से इनकार करने के लिए पर्याप्त आधार नहीं है।
प्रेस क्लब के पूर्व अध्यक्ष अवनीश दीक्षित की जमानत याचिका निरस्त
बीती 23 अगस्त 2024 को हालसी रोड बादशाहीनाका निवासी श्रीकृष्ण गुप्ता ने अवनीश दीक्षित, मनोज यादव, जितेन्द्र यादव और राजा यादव के खिलाफ हत्या के प्रयास समेत अन्य गम्भीर धाराओं में एफआईआर दर्ज कराई थी। इस मामले में बचाव पक्ष के वकील शिवाकांत दीक्षित ने निचली अदालत और सेशन कोर्ट में जमानत अर्जी दाखिल की जो कि खारिज कर दी गई थी। जिसके बाद हाईकोर्ट में जमानत अर्जी दाखिल की गई।
कोर्ट ने कहा जमानत का पर्याप्त आधार
हाईकोर्ट में जस्टिस मनोज बजाज की बेंच ने अवनीश दीक्षित की जमानत को लेकर सुनवाई की। कोर्ट में बचाव पक्ष के वकील ने अपनी दलील रखते हुए कहा कि अवनीश दीक्षित 29 जुलाई 2024 से अपनी गिरफ्तारी के बाद से हिरासत में है।
जिसने FIR लिखाई उसके अनुसार अवनीश ने चार सह-आरोपी मनोज यादव, विनोद यादव, जितेन्द्र यादव और राजा यादव उसके घर में किराएदार के रूप में रह रहे हैं। चारों बम फेंकने की तैयारी में थे और वह अपनी जान बचाने के लिए भाग गया। वकील ने अपने तर्क में कहा कि ऐसा कुछ भी नहीं है जिससे संकेत मिलता हो कि उक्त बम फटा हो।
एफआईआर दर्ज कराने वाले को चोट तक नहीं लगी। अवनीश को इस आधार पर झूठा फंसाया गया है कि वह प्रेस क्लब का पूर्व अध्यक्ष होने के नाते एफआईआर दर्ज कराने वाले के किराएदारों की रक्षा करता है। हाईकोर्ट ने कहा कि कोर्ट को पता चला है कि घटना 6 नवम्बर 2021 की है। जबकि एफआईआर 23 अगस्त 2024 को दर्ज की गई थी। राज्य अधिवक्ता ने शिकायतकर्ता के आरोपों को पुष्ट करने के लिए कुछ भी नहीं दिखाया है।