AYODHYA RAM MANDIR NEWS : रामलला की प्राण प्रतिष्ठा (Ramlala Pran Pratishtha) के बाद सोमवार को जन्मभूमि मंदिर प्रांगण में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM MODI) ने 35 मिनट भाषण दिया। उन्होंने कहा- सबको राम-राम। आज हमारे राम आ गए हैं। सदियों की प्रतीक्षा के बाद हमारे राम आ गए हैं। AYODHYA RAM MANDIR NEWS
रामलला के प्राण प्रतिष्ठा समारोह में पहुंचे फिल्मी और खेल जगत के कई दिग्गज हस्तियां
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बोले- मंदिर वहीं बना है, जहां
सदियों के अभूतपूर्व धैर्य, अनगिनत बलिदान, तपस्या के बाद हमारे राम आ गए हैं। इस शुभ घड़ी में समस्त देशवासियों को बहुत-बहुत बधाई। AYODHYA RAM MANDIR NEWS
PM MODI के भाषण की मुख्य बातें…
मंदिर के बारे में- हजार साल बाद भी आज की तारीख की चर्चा होगी
मोदी ने कहा- हमारे रामलला अब टेंट में नहीं रहेंगे। हमारे रामलला अब दिव्य मंदिर में रहेंगे। राम मंदिर के निर्माण के बाद से देशवासियों में नया उत्साह पैदा हो रहा था। आज हमें सदियों की धरोहर मिली है, श्रीराम का मंदिर मिला है। गुलामी की मानसिकता को तोड़कर उठ खड़ा होता राष्ट्र ऐसे ही नवइतिहास का सृजन करता है। आज से हजार साल बाद भी लोग आज के इस पल, तारीख की चर्चा करेंगे। राम की कितनी बड़ी कृपा है कि हम सब इस पल को घटित होते देख रहे हैं।
देश में दीपावली मनाई जा रही
आज गांव-गांव में कीर्तन-संकीर्तन हो रहे हैं। स्वच्छता अभियान चल रहा है। देश दीपावली बना रहा है। आज शाम घर-घर राम ज्योत जलेगी। कल मैं धनुषकोडि में था। जिस घड़ी राम समुद्र पार करने निकले थे, उसे कालचक्र बदला था। अब कालचक्र फिर बदलेगा।
दिव्य स्वरूप में विराजमान रामलला, घर बैठे कर लें प्रभु के दर्शन
अयोध्या में रामलला स्थापित, अयोध्या में श्रीराम की प्राण-प्रतिष्ठा
न्यायपालिका को शुक्रिया कहा…
मैं पावन अयोध्यापुरी और सरयू को भी प्रणाम करता हूं। मैं इस समय दैवीय अनुभूति कर रहा हूं। वे दैवीय अनुभूतियां भी हमारे आसपास उपस्थित हैं, उन्हें कृतज्ञतापूर्वक नमन करता हूं। प्रभु राम से क्षमा याचना भी करता हूं। हमारे त्याग, तपस्या, पूजा में कोई तो कमी रह गई होगी कि इतने साल ये काम नहीं कर पाए। आज ये कमी पूरी हुई। मुझे विश्वास है कि प्रभु राम हमें अवश्य क्षमा करेंगे।
भारत के संविधान की पहली प्रति में भगवान राम विराजमान हैं। दशकों तक प्रभु राम के अस्तित्व पर कानूनी लड़ाई चली। मैं न्यायपालिका का शुक्रगुजार हूं कि उसने लाज रख ली।
एकत्व की अनुभूति
मैं सौभाग्यशाली हूं कि अनुष्ठान के दौरान सागर से सरयू तक की यात्रा का मौका मिला। राम भारतवासियों के मन में विराजे हुए हैं। किसी के भी मन को छुएंगे तो एकत्व की अनुभूति होगी। मुझे देश के कोने-कोने में रामायण सुनने का अवसर मिला।
राम भक्तों को किया नमन, कारसेवकों को याद किया
ऋषियों ने कहा है कि जिसमें रम जाएं, उसी में राम है। हर युग में लोगों ने राम को जिया है। हर युग में लोगों ने अपने-अपने शब्दों, अपनी-अपनी तरह राम को व्यक्त किया है। ये राम रस निरंतर बहता रहता है।
आज के इस ऐतिहासिक समय में देश उन व्यक्तित्वों को भी याद कर रहा है, जिनकी वजह से शुभ दिन देख रहे हैं। उन अनगिनत कारसेवकों, संत-महात्माओं के हम ऋणी हैं।
रजनीकांत समेत कई हस्तियां पहुंची अयोध्या
ऊर्जा को जन्म दे रहा है राम मंदिर
जब भी उन्होंने इतिहास की गांठें सुलझाने का प्रयास किया तो मुश्किल परिस्थितियां बन गईं। हम जिस गांठ को भावुकता और समझदारी के साथ खोला है, वो बताता है कि भविष्य बहुत सुंदर होने जा रहा है। कुछ लोग कहते थे कि राम मंदिर बना तो आग लग जाएगी। राम मंदिर किसी आग को नहीं, ऊर्जा को जन्म दे रहा है।
राम भारत का विचार-विधान है
ये समन्वय, उज्ज्वल भविष्य के पथ पर बढ़ने की प्रेरणा लेकर आया है। राम आग नहीं, ऊर्जा हैं। राम विवाद नहीं, राम समाधान हैं। राम सिर्फ हमारे नहीं, सबके हैं। राम वर्तमान नहीं, अनंत काल हैं। ये मंदिर महज देव मंदिर नहीं, भारत की दृष्टि-दर्शन का मंदिर है। राम भारत का विचार-विधान है।
मां शबरी को भरोसा था- राम आएंगे
हनुमान जी की भक्ति, उनका समर्पण ऐसे गुण हैं, जिन्हें बाहर नहीं खोजना पड़ता। यही तो देव से देश और राम से राष्ट्र की चेतना का विस्तार है। दूर कुटिया में जीवन गुजारने वाली मां शबरी का ध्यान आता है। वो हमेशा कहती थीं- राम आएंगे। ये सच हुआ है।
सब बंधनों से परे हैं मित्रता
निषादराज की मित्रता सब बंधनों से परे हैं। सब समान हैं। मैं तो बहुत सामान्य हूं, मैं तो बहुत छोटा हूं, कोई ये सोचता है तो उसे राम की मदद करने वाली गिलहरी का ध्यान करना चाहिए। सबका अपना योगदान होता है। यही दिव्य और समर्थ भारत बनने का कारण बनेगा। हमें नित्य पराक्रम, पुरुषार्थ का प्रसाद प्रभु राम को चढ़ाना होगा। तभी भारत को वैभवशाली बना पाएंगे। आज भारत युवाशक्ति की ऊर्जा से भरा है। हमें अब झुकना नहीं है, अब बैठना नहीं है। मैं युवाओं से कहूंगा कि आपके सामने हजारों सालों की प्रेरणा है।
मंदिर सिखाता है कि लक्ष्य प्रमाणित हो तो उसे हासिल किया जा सकता है। शताब्दियों की प्रतीक्षा के बाद हम यहां पहुंचे हैं। अब हम रुकेंगे नहीं। रामलला के चरणों में मेरा प्रणाम।