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वैसाख कृष्ण पक्ष की दशमी तिथि श्रवण नक्षत्र, वाणिज्यीकरण और साध्य योग है। मंगलवार के दिन चंद्रमा का नक्षत्र श्रवण महादेव के रुद्रावतार को समर्पित है तथा मंगलवार हनुमान जी का वार है। इसी कारण आज रुद्रावतार हनुमान के पंचमुखी स्वरूप के निमित्त पूजन, व्रत व उपाय श्रेष्ठ रहेगा। हनुमान जी एकादश रुद्र अवतार हैं अर्थात वे भगवान शंकर के ग्यारहवें अवतार माने गए हैं।
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इसी कारण हनुमान जी ने पंचमुखी रूप धरा
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रामचरितमानस के अनुसार राम-लक्ष्मण वध के लिए अहिरावण ने भवानी के अनुष्ठान में पांच दीपक जलाए थे।
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इन पांचों दीपक को एक साथ बुझाने पर अहिरावन का वध हो सकता था, इसी कारण हनुमान जी ने पंचमुखी रूप धरा।
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पंचमुखी हनुमान जी का हर मुख त्रिनेत्रधारी है, इनके दस भुजाओं में विभिन्न अस्त्र-शस्त्र हैं व एक हाथ वरदान देता है।
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उत्तर दिशा में वराह मुख, दक्षिण दिशा में नरसिंह मुख, पश्चिम में गरुड़ मुख, आकाश की तरफ हयग्रीव मुख एवं पूर्व दिशा में हनुमान मुख।
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इस रूप को धरकर उन्होंने वे पांचों दीप बुझाए व अहिरावण का वध कर राम लक्ष्मण को उससे मुक्त किया।
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पंचमुखी हनुमान के पूर्वमुखी वानर मुख से समस्त शत्रुओं का नाश होता है। पश्चिममुखी गरुड़ मुख विघ्न-बाधा निवारक माना जाता है। उत्तर दिशा के वराह मुख से आयु, यश व बल प्राप्त होता है।
सोमवार को करें ये खास उपाय
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दक्षिण दिशा के नृसिंह मुख से भय, चिंता व परेशानी दूर होती है।
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ऊर्ध्व दिशा के अश्व मुख से कष्ट में पडे भक्तों की मनोकामनाएं पूर्ण होती है।
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पंचमुखी हनुमान के पूजन से संकटों का नाश होता है, जीवन से अमंगल, कष्ट, बाधाओं, संकटों का नाश होता है।
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विशेष पूजन विधि
घर की दक्षिण दिशा में पंचमुखी हनुमान जी का चित्र स्थापित करके उसका विधिवत पंचोपचार पूजन करें। तांबे के दिए में तेल का दीप जलाएं, गूगल धूप करें, लाल फूल चढ़ाएं। सिंदूर चढ़ाएं। गुड़ का भोग लगाएं तथा लाल चंदन की माला से इस विशेष मंत्र का 1 माला जाप करें। पूजन के बाद गुड़ को जल प्रवाह करें।
पूजन मुहूर्त: शाम 17:16 से शाम 17:45 तक।
पूजन मंत्र: ॐ हरि मर्कट मर्कटाय स्वाहा॥
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